– गुरुग्राम के पुष्पांजलि अस्पताल में भारी लापरवाही का मामला , केस दर्ज
गुरूग्राम/ रोहतक। गुरुग्राम के एक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल पुष्पांजलि में पथरी निकलवाने पहुंची एक महिला मरीज की उस किडनी को डाक्टर ने पंक्चर कर दिया, जिसमें पथरी नहीं थी। इस घोर लापरवाही के साथ ही उसी समय दूसरी किडनी (गुर्दा) की सर्जरी कर पथरी निकालने की दूसरी बड़ी भूल कर वहां के यूरोलोजिस्ट डा. एस. पी. यादव ने महिला को मौत के कगार पर पहुंचा दिया। प्रोटोकोल के अनुसार कभी भी दोनों किडनी की सर्जरी एक साथ नहीं की जाती है। इन लापरवाहियों की वजह से खून का भारी स्राव हुआ। मरीज का पेट फूल गया और उसे असह्य पीड़ा भी होने लगी। लेकिन मरीज का भाग्य अच्छा था कि वह समय रहते सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल मेदांता पहुंच गई और उसकी जान बच गई। शहर के पुलिस कमिश्नर को दी एक शिकायत में मरीज शीला देवी के वकील पति एवं झज्जर सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक के चेयरमैन अजय कुमार ने आरोप लगाया है कि डा. यादव ने अपनी लापरवाही को छिपाने एवं अस्पताल को बदनामी से बचाने की मंशा से उनकी पत्नी को मरने के लिए छोड़ दिया।
रोहतक में सेक्टर 4 के निवासी वकील अजय कुमार के अनुसार वे 27 मई, 2019 को अपनी पत्नी शीला देवी के गुर्दे की पथरी निकलवाने गुडग़ांव स्थित पुष्पांजलि अस्पताल पहुंचे। एक्स रे और खून की जांच के बाद वहां के यूरोलाजिस्ट डा. एस.पी. यादव ने शीला का आपरेशन किया। आपरेशन के बाद मरीज के पेट के दोनों तरफ पट्टी लगी हुई थी और बगल में खून से भरी थैली लटक रही थी। इस बारे में पूछने पर डा. यादव ने बताया कि उन्होंनेे भूलवश बायीं किडनी में छेद कर दिया जिसमें पथरी थी ही नहीं लेकिन दूसरी किडनी की भी सर्जरी कर पथरी निकाल दी है। लेकिन 2-3 घंटे बाद भी खून का बहना लगातार जारी रहा। महिला मरीज ने होश में आने पर बताया कि सर्जरी डा. यादव ने नहीं की बल्कि उनकी पत्नी ने की थी। डा. यादव तो उस दौरान फोन पर किसी से बातचीत में मशगूल थे। जब अगले दिन तक भी खून का बहना बंद नहीं हुआ तो डाक्टर ने फिर से आपरेशन कर किडनी में स्टेंट डाल दिया। उनका कहना था कि इससे रक्त स्राव बंद हो जाएगा। लेकिन पत्नी का पेट फूल गया था। इस पर उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया गया।
महिला की हालत अत्यंत बिगड़ती देख हमारे जोर देने पर अंतत: डा. यादव ने एंबुलेंस बुलाकर उन्हें मेदांता में शिफ्ट कर दिया। मेदांता में जांच के बाद बताया गया कि पेट में रक्त स्राव, गलत किडनी (गुर्दे) में छेद और फेफड़े में संक्रमण की वजह से मरीज की जान खतरे में पड़ गई है। मेदांता में इलाज के बाद ही महिला की जान बच पाई। अजय कुमार ने पुलिस कमिश्नर को भेजी शिकायत की प्रति मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, हरियाणा के मुख्यमंत्री, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, हरियाणा के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक, पुलिस महानिदेशक और गुरुग्राम के सीएमओ को भी भेजी हैं तथा आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।