सिद्धार्थनगर। मोदी सरकार की एक बड़ी योजना फेल होती दिख रही है। गरीबों को बाजार से भाव से लगभग पांच गुना कम दाम पर जीवनदायिनी दवाओं को मुहैया कराने के लिए खुले गए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले तो गए लेकिन उनमें ही दवाओं की कमी बड़े सवाल खड़े कर रही है। हम बात कर रहे यूपी के सिद्धार्थनगर की।

यहां दवाओं की कमी का आलम यह है कि रोगियों को बाजार की दवाओं के तरफ महंगे इलाज के बोझ तले दबना पड़ रहा है। कहने को केंद्रों पर 600 प्रकार की जेनरिक दवाएं होनी चाहिए परन्तु उपलब्ध हैं, लगभग 200 प्रकार की ही। अधिकांश मरीज केन्द्र से मायूस लौटने को मजबूर हैं। नगर पंचायत में बैदौलगढ़ स्थित प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र सितम्बर 2017 में खुला था। प्रारम्भ में तो करीब 400 प्रकार की दवाएं सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गईं। मुख्य रूप से जेनरिक की जीवन रक्षक हृदय रोग, बीपी, शुगर, कैंसर, मल्टीविटामिन, एंटीफंगल, टायफाइड, मलेरिया, गैस, न्यूरो, एंटी साइकेट्रिक रोग सहित सेनेट्री, नेपकिन आदि जो बाजार भाव से लगभग पांच गुना कम दाम की है। मौजूदा समय में उपरोक्त दवाओं की किल्लत है। संचालक रियाज खान ने बताया कि दवाओं के लिए कई बार डिमांड की गई लेकिन दवा नही मिल रही है।