रायपुर (छ.ग.)। राजधानी रायपुर, दुर्ग व भिलाई शहर में संक्रामक बीमारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पूर्व में उल्टी-दस्त की के चलते कई मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। इसके बाद पीलिया की वजह से लोगों की जानें गई, जिनमें गर्भवती महिलाओं की संख्या भी है। अब इन क्षेत्रों में डेंगू पीडि़तों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। डेंगू को लेकर जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के अधिकारी स्थिति खराब होने पर दो माह बाद अब दिशा-निर्देश देते दिख रहे हैं। आला अधिकारियों के पास ऐसे मामलों को गंभीरता से लेने का समय ही नहीं था। एक तरफ  डेंगू होने की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग खुद कर रहा है, दूसरी ओर अधिकारी यह कहते नहीं थकते कि स्थिति नियंत्रण में है। जबकि हकीकत यह है कि शहरी क्षेत्र में दो माह से डेंगू का कहर जारी है।
उधर, जिला मलेरिया विभाग के अधिकारी का कहना है कि डेंगू संक्रमित क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए किट उपलब्ध करा दी गई है। प्रभावितों को समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए घर-घर जाकर सर्वे कराया जा रहा है। शहर में हेल्थ कैंप लगा रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में नियमित जांच की जा रही है। इन दिनों मुख्यत: बीमारियां मच्छरों से या बारिश के जमा पानी की वजह से होती हैं। उन्होंने आमजन को सलाह दी है कि मच्छरों को बढऩे से रोकें, उसके लिए नीम की पत्तियों को जलाकर धुंआ करेें, पानी को जमा न होने दें। कूलर व घड़े का पानी बदलते रहें। पीने के पानी की शुद्धता की जांच करने, पीने के पानी में फिटकरी या क्लोरिन टेबलेट का उपयोग करें अथवा पानी को उबालकर पीएं।