फरीदाबाद (हरियाणा)। राज्य में निजी पैथोलॉजिकल लैब संचालक अब ब्लड या अन्य किसी भी जांच में मनमाने दाम नहीं वसूल सकेंगे। लैब संचालकों पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही नैदानिक स्थापना अधिनियम (क्लीनिकल एस्टेबलिस्टमेंट एक्ट) लागू कर दिया गया है। इसके तहत लैब संचालक को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण की प्रकिया अगले सप्ताह से शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद सभी पैथोलॉजिकल लैब में जांच की दर निर्धारित कर दी जाएगी। इसके साथ ही लैब संचालक को जांच की गुणवत्ता को भी बकरार करना होगा। गौरतलब है कि फरीदाबाद जिले में एक हजार से अधिक छोटे-बड़े पैथोलॉजिकल लैब हैं। इसमें करीब पांच सौ से अधिक खून, यूरिन और विभिन्न प्रकार के सैंपल लेकर पैथोलॉजिकल जांच की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि नैदानिक स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है। लैब संचालक ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें पांच सौ रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बनाना होगा। क्लीनिकल एस्टेबलिस्टमेंट.नेट के वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इस दौरान उन्हें लैब में तैनात डॉक्टर, उपकरण सहित कई अन्य जानकारी देनी होगी। उन्हें 500 रुपये पंजीकरण शुल्क के रूप में नेट बैकिंग से जमा कराना होगा। पैथोलॉजिकल लैब की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जांच दर को निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि प्रदेश के पंजीकृत सभी लैब में एक ही दर होगी। विभाग की ओर से जल्द ही दर निर्धारित कर दी जाएगी। इसके लिए विशेषज्ञ कार्य कर रहे हैं। वहीं, प्रत्येक लैब संचालक को न्यूनमत मापदंड को मानना होगा। अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी लैब पर अंकुश नहीं था।
नैदानिक स्थापना अधिनियम के नोडल अधिकारी डॉ. हरीश आर्या ने बताया कि अधिनियम के तहत जिले के सभी पैथोलॉजिकल लैब संचालकों को पंजीकरण करना होगा। अगर लैब संचालक अपना पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर कोई लैब संचालक पंजीकरण नहीं कराता है तो उसे दो लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। लैब संचालक को नैदानिक स्थापना अधिनियम के विषय में जानकारी देने के लिए मार्च के प्रथम सप्ताह में बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें उन्हें पंजीकरण कराने सहित कई अन्य जानकारी देने का निर्णय लिया है। जानकारी देने के लिए डाटा तैयार किया जा रहा है।