(रायपुर/छ.ग.): राज्य मे चिकित्सकों की कमी पूरी करनें के लिए स्वास्थ्य विभाग आए दिन कुछ न कुछ नए फरमान जारी करता रहता हैं। चिकित्सक भर्ती में निजी संस्था की मदद लेनेे जैसा प्रस्ताव भी कुछ दिनों पूर्व स्वास्थ्य महकमे में आया था। क्योंकि राज्य में मरीजों की तुलना में चिकित्सकों का अनुपात बहुत कम हैं। राज्य के दुर्ग, राजनांदगांव, अंबिकापुर और रायगढ़ में नए मेडिकल कॉंलेज खुले जरूर हैं लेकिन इन कॉंलेजों से अभी एक भी बैच नहीं निकला है। पहलें से स्थित सिम्स, जगदलपुर और रायपुर के मेडिकल कॉंलेज राज्य के अस्पतालों में चिकित्सकों की वर्तमान कमी दूर नहीं कर पा रहे हैं।
    राज्य के लगभग सभी जिला अस्पतालों में लगभग आधे चिकित्सक स्वीकृत पदों की संख्या के अनुपात में कार्यरत हैं। कम संख्या में होनें की वजह से चिकित्सकों की कार्य अवधि बढ़ गई हैं, आवश्यक कार्यो के लिए भी छुट्टी लेने में दिक्कतें आ रही है। स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित होती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में तो स्थिति विकट है।
निजी संस्था से चिकित्सकों की भर्ती में चिकित्सक दूसरे राज्य के भी हो सकते हैं। चुने गए चिकित्सक को सरकारी वेतन दिया जाएगा। राज्य के बस्तर क्षेत्र में चिकित्सकों के लिए विशेष पैकेज देने की योजना हैं। राज्य के शासकीय अस्पतालों में बहुत सारे चिकित्सकों के पद रिक्तपड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के अनुसार इस कमी को दूर करने के लिए ही निजी संस्था की मदद लेने का मसौदा तैयार किया जा रहा हैं।
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