लुधियाना। फर्जी डी-फार्मेसी डिग्री जारी करने के आरोप में चार और आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। इस कार्रवाई को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (वीबी) ने अंजाम दिया है। पंजाब राज्य फार्मेसी काउंसिल (पीएसपीसी) के रजिस्ट्रारों और अधिकारियों की मिलीभगत से अयोग्य उम्मीदवारों को प्रवेश देने और फर्जी डी-फार्मेसी डिग्री जारी की हुई है।

लुधियाना में एफआईआर दर्ज

वीबी ने इस संबंध में अनियमितताएं बरतऩे पर पीएसपीसी के पूर्व रजिस्ट्रारों और अधिकारियों के खिलाफ लुधियाना में एफआईआर दर्ज की हुई है। इन पर आरोप है कि ये मिलीभगत कर निजी कॉलेजों में पढऩे वाले अयोग्य छात्रों को डी-फार्मेसी के प्रवेश, पंजीकरण और लाइसेंस जारी करने की सुविधा प्रदान करते थे।

इनको किया गिरफ्तार

राज्य वीबी के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में अब गिरफ्तार किए गए लोगों में आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च भटिंडा के मालिक गुरप्रीत सिंह गिल और सरबजीत सिंह बराड़, प्रिंसिपल के पद पर बने रहे आरएस रामकोडी शामिल हैं। वर्ष 2013 में बरनाला जिले के लाला लाजपत राय कॉलेज, सेहना में और बलजिंदर सिंह बाजवा, जो 2011 में लाला लाजपत कॉलेज ऑफ फार्मेसी मोगा में प्रिंसिपल थे।

बता दें कि इस मामले में पहले आरोपी परवीन कुमार भारद्वाज और डॉ. तेजवीर सिंह को गिरफ्तार किया जा चुका है। पीएसपीसी के दोनों पूर्व रजिस्ट्रार और अधीक्षक अशोक कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, 9 फार्मासिस्टों को भी नामजद कर गिरफ्तार किया गया है।

अधिकारियों की मिलीभगत

प्रवक्ता के अनुसार डी-फार्मेसी संस्थानों में खाली सीटों को भरने के लिए, निजी कॉलेजों के मालिकों ने कथित तौर पर उपरोक्त रजिस्ट्रारों और पीएसपीसी के अधिकारियों की मिलीभगत से अनिवार्य माइग्रेशन प्रमाणपत्र प्राप्त किए बिना अन्य राज्यों के छात्रों को प्रवेश दिया। इसके लिए संदिग्ध उम्मीदवारों से रिश्वत ली गई। कई छात्रों ने निजी तौर पर मेडिकल या गैर-मेडिकल स्ट्रीम में अपेक्षित 10+2 शैक्षिक योग्यता रखते हुए डी-फार्मेसी पाठ्यक्रम में प्रवेश पाया। इसे नियमित कक्षाओं में और विज्ञान प्रैक्टिकल में भाग लेकर उत्तीर्ण होना पड़ता है।

निजी फार्मेसी कॉलेजों के मालिकों ने दी रिश्वत

अधिकारियों को फर्जी तरीके से विभिन्न संस्थानों से जाली और मनगढ़ंत 10+2 प्रमाण पत्र और डी-फार्मेसी प्रमाण पत्र और पीएसपीसी से नकली पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निजी फार्मेसी कॉलेजों के मालिक/प्रिंसिपल रिश्वत देने में शामिल मिले हैं। सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया है। प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में निजी कॉलेजों से जुड़े लोगोंं के साथ-साथ पीएसपीसी के अन्य कर्मिर्यों की भूमिका की जांच भी की जा रही है।