महिला के जीवन में मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति वह चरण है जो एक भारी बदलाव लेकर आता है। यह उसके मासिक धर्म चक्र और प्रजनन क्षमता का अंत है, जिसकी पुष्टि आखिरी पीरियड के 12 महीने बाद होती है। मेनोपॉज में महिलाओं में ओवुलेशन बंद हो जाता है और वे गर्भवती नहीं हो सकती। मासिक धर्म खत्म होना कई लक्षणों के साथ जुड़ा हुआ है, जिसमें वजन बढ़ना, मूड में उतार-चढ़ाव, योनि का सूखापन, सिरदर्द, नींद न आना आदि शामिल हैं। स्थिति के आधार पर कुछ महिलाओं को अधिक गंभीर लक्षण हो सकते हैं जैसे हड्डियों में दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस।
हार्मोन के उतार-चढ़ाव विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन में गिरावट को मेनोपॉज की अधिकांश शिकायतों के लिए दोषी ठहराया जाता है। हाल के एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि फलों और सब्जियों से भरपूर एक स्वस्थ आहार मेनोपॉज की दिक्कतों को कम करने में मदद कर सकता है। यह अध्ययन मेनोपॉज : द जर्नल ऑफ द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी में प्रकाशित हुआ था।
www.myupchar.com से जुड़े डॉ. विशाल मकवाना का कहना है कि मेनोपॉज होने पर एक महिला के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव होते हैं। हर महिला को इन बदलावों का अनुभव होता है। मेनोपॉज के सबसे आम लक्षणों में से एक है हॉट फ्लैश जिसमें शरीर के तापमान में अचानक वृद्धि और गिरावट होती है। दिल की धड़कन और चिंता, तनाव या भय की भावना पैदा हो सकती है। विश्वभर में महिलाओं को मेनोपॉज होने की औसत उम्र 51 वर्ष होती है, लेकिन भारत की महिलाओं के लिए उम्र 46.2 साल है। 45 से 50 साल की उम्र में कभी भी मेनोपॉज हो सकता है।
अध्ययन के मुताबिक इस शोध में मेनोपॉज के लक्षणों को रोकने के लिए बदलाव भरी जीवन शैली के कारकों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया है। हालांकि, हार्मोन थेरेपी मेनोपॉज के लक्षणों के लिए एक सही विधि साबित हुई है, लेकिन इसके बजाय नॉनफार्माकोलॉजिकल ट्रीटमेंट के विकल्पों की खोज जारी है, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जो हार्मोन थेरेपी की उम्मीदवार नहीं हैं।
अमेरिका में द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी (एनएएमएस) के अध्ययनकर्ता स्टेफनी फॉबैन ने कहा कि यह छोटा-सा क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन मेनोपॉज के लक्षणों पर फल और सब्जी के सेवन के प्रभाव के बारे में कुछ प्रारंभिक साक्ष्य प्रदान करता है। पिछले अध्ययनों के मुताबिक फल और भूमध्य शैली के आहार का सेवन मेनोपॉज की शिकायतों में कमी से जुड़ा था। इससे एक कदम आगे बढ़ाते हुए, नए अध्ययन में पाया गया कि एक दिन में एक सेब का सेवन मेनोपॉज के लक्षणों को दूर रखने में मदद कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि हालांकि, कई फलों और सब्जियों में मेनोपॉज के लक्षणों के साथ उलटा होता था, कई अन्य प्रकार के फलों जैसे खट्टे फल और सब्जियों का अधिक सेवन यूरोजेनिटल समस्याओं से जुड़ा था।
शोधकर्ताओं के मुताबिक पर्याप्त सबूत हैं कि फलों और सब्जियों से भरपूर एक स्वस्थ आहार का कई तरीकों से सेहत को फायदा होता है, लेकिन यह निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त अध्ययन की जरूरत है कि क्या विभिन्न मेनोपॉज के लक्षण आहार विकल्पों से प्रभावित हो सकते हैं।