जमशेदपुर (झारखण्ड)। फार्मासिस्ट फाउंडेशन झारखंड ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। फाउंडेशन के सदस्यों ने राज्य के औषधि निदेशक एवं सभी उपनिदेशक को शिकायत देते हुए कहा कि राज्य में एक हजार दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष शशिभूषण ने कहा कि झारखंड राज्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जो फार्मासिस्ट अनुभव के आधार पर कार्यरत थे, उन्हें रद्द करके हटाने का आदेश दिया गया था। लेकिन दुर्भाग्यवश अभी भी अनेक वैसे फार्मासिस्ट हंै जो दवा दुकानों पर कार्यरत है। वहीं झारखंड में कई दवा दुकानें बिना फार्मासिस्ट के ही चल रही है। उनके खिलाफ विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। उन्होंने बताया कि राज्य में फार्मासिस्टों की संख्या करीब चार हजार जबकि दवा दुकानों की संख्या 14 हजार है। ऐसे में दस हजार दवा दुकानें कैसे चल रही हैं, इसकी जांच-पड़ताल करने वाला कोई नहीं है। फाउंडेशन की शिकायतें सुनने के बाद औषधि निदेशक रितू सहाय ने कार्रवाई का भरोसा दिया। फाउंडेशन के केंद्रीय सचिव जितेंद्र शर्मा ने कहा कि अगर हमारी मांगों को नहीं सुना गया तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा। इसकी जवाबदेही विभाग पदाधिकारियों की होगी। फाउंडेशन के प्रतिनिधिमंडल ने औषधि विभाग के उपनिदेशक सुमंत तिवारी को भी ज्ञापन सौंपा। सुमंत तिवारी ने आश्वासन दिया कि फार्मासिस्टों को हर संभव मदद की जाएगी। इस अवसर पर अफरोज अहमद, अमित कुमार, रंजीत सोनी, तनवीर हसन, अमरदीप कुमार, सुमित दास, गुलाम सरवर, श्रीकांत सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।