वाराणसी। लंबित मांगों को लेकर डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने बांह में काली पट्टी बांधकर काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 15 नवंबर को प्रदेश सरकार से हुई वार्ता के दौरान मांगों पर शीघ्र विचार करने का भरोसा दिलाया गया था लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। फिर भी मांगों पर विचार नहीं होने पर छह-सात दिसंबर को दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जाएगा। आठ दिसंबर को द्वितीय शनिवार का सामूहिक उपभोग और 10 दिसंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संघ के जिलाध्यक्ष डा. जेके सिंह और मंत्री अभिजय श्रीवास्तव ने बताया कि वेतन विसंगति की रिपोर्ट करीब डेढ़ वर्ष से शासन में लंबित है, भत्तों का वर्षों से पुनरीक्षण नहीं हुआ। महानिदेशालय के प्रस्ताव के बाद भी संवर्ग के पदों का पुनर्गठन नहीं हो रहा, कार्य और आवश्यकता के मुताबिक मानक नहीं बन रहे, पदों का सृजन लंबित है, ट्रामा सेंटरों में अभी तक फार्मासिस्ट के एक भी पद सृजित नहीं हुए, उच्च पदों का सृजन भी नहीं हो रहा है जिससे पदोन्नति नहीं हो पा रही, नियुक्ति प्रक्रिया भी बाधित है। फार्मासिस्ट के करीब 500 से अधिक पद रिक्त हैं जबकि फार्मासिस्ट रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं।