सीकर । अब औषधि विभाग के दवा निरीक्षक फार्मासिस्ट की गैरमौजूदगी में भी मेडिकल स्टोर से दवा जांच के लिए सैंपल ले सकेंगे। इससे पहले सैंपल लेने के लिए दवा निरीक्षक को स्वास्थ्य निदेशालय से इजाजत लेनी पड़ती थी। औषधि नियंत्रण विभाग ने बाजार में सप्लाई हो रही नकली दवा पर रोक लगाने के लिए यह कवायद की है। दवा निरीक्षक को इस बात की भी छूट दी गई है कि वह चाहे तो रात को भी दुकान खुलवाकर दवा के सैंपल ले सकेंगे। अब तक दवा की जांच के सैंपल लेने के लिए दवा निरीक्षक को संबंधित दुकान के फार्मासिस्ट का इंतजार करना पड़ता था। ऐसे में यदि दो-तीन घंटे फार्मासिस्ट नहीं पहुंच पाता था तो सैंपल लिए बिना ही खाली हाथ लौटना पड़ता था। दुकान के निरीक्षण तक में फार्मासिस्ट की मौजूदगी अनिवार्य कर रखी थी। लेकिन, अब दवा निरीक्षकों के अधिकार बढ़ा देने से दवा व्यापारियों की मनमर्जी पर भी अंकुश लगेगा। यदि कहीं अवमानक दवा बाजार में बिक रही है तो उसकी जांच भी समयानुसार संभव हो सकेगी। दवा बिक्री के रिकार्ड में भी हेरा-फेरी रुक सकेगी। एक महीने में ये निरीक्षक 20 दवा के नमूने जांच के लिए जुटा सकेंगे। औषधि नियंत्रक मनोज गढ़वाल ने बताया कि नए आदेशों के बाद जांच के लिए नमूने जुटाने की खातिर फार्मासिस्ट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। बदलाव के लिए हर दवा निरीक्षक को संबंधित क्षेत्र के लिए छह-छह महीने का वक्त दिया जाएगा। इसके बाद संबंधित क्षेत्र के निरीक्षण की जिम्मेदारी दूसरे दवा निरीक्षक को सौंप दी जाएगी ताकि कार्य में पारदर्शिता बनी रहे और गफलत की संभावना को भी रोका जा सके।
औषधि विभाग की ओर से सीकर जिले में स्थित दवा की दुकानों की जांच के लिए चार दवा निरीक्षक नियुक्त किए हैं। दवा निरीक्षक लता भारती व माधव सिंह के अनुसार अधिकार क्षेत्र बढ़ेंगे तो मरीज को सही दवा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए दवा नियमों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है। एक दवा निरीक्षक के पास दो-दो तहसीलों की जिम्मेदारी रहेगी। जबकि शहर में स्थित दवा दुकानों की ए से लेकर जेड़ तक की सूची तैयार की जा रही है ताकि इन दवा दुकानों के निरीक्षण के लिए भी संबंधित दवा निरीक्षक को पाबंद किया जा सके।