अमृतसर। ड्रग डिपार्टमेंट की ओर से मजीठा रोड स्थित दवा कंपनी विल्मार्क फार्मास्युटिकल्स पर छापेमारी का कंपनी मालिकों की पत्नियों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि छापेमारी, ऐतराज योग्य दवाओं की बरामदगी, मालिकों की गिरफ्तारी सभी गैर कानूनी और गलत रही हैं। इसी के साथ ही अमृतसर फार्मास्युटिकल्स मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन के बैनर तले दूसरे दवा निर्माता भी कंपनी के समर्थन में आ गए हैं। इनका कहना है कि इस तरह की गैरकानूनी कार्रवाई को सहन पहीं करेंगे। गौरतलब है कि ड्रग डिपार्टमेंट ने पुलिस को साथ लेकर विल्मार्क फार्मास्युटिकल्स पर छापामारी की थी। छापेमारी के दौरान वहां से नशीली दवाएं बरामद हुईं। इसके बाद कंपनी के डायरेक्टर राजन भारद्वाज तथा एक अन्य कर्मचारी भारत भूषण को गिरफ्तार करलिया गया।
साथ ही कंपनी का लाइसेंस रद्द कर उसे सील कर दिया गया था। कंपनी के मालिकों के परिवार से संबंधित आराधना भारद्वाज तथा एकता भारद्वाज ने प्रेसवार्ता कर औषधि विभाग तथा पुलिस पर आरोप लगाया है। इनका कहना है कि उनकी कंपनी लाइसेंसशुदा है और 36 सालों से दवा के क्षेत्र में काम कर रही हैं। विभाग ने छापेमारी के दौरान जो कुछ बरामद किया, वह उनकी कंपनी का सामान नहीं था। खास बात तो यह रही कि बरामद सामान की बिना जांच किए ही उसे नशीला पदार्थ बता दिया गया। इस सारी कार्रवाई तथा उक्त दोनों लोगों की गिरफ्तारी को इन महिला मालिकों ने दबाव में आकर की गई कार्रवाई करार दिया है।
उन्होंने इस संबंध में हाईकोर्ट में रिट भी कर दिया है। उधर, उक्त कंपनी के खिलाफ की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए अमृतसर फार्मास्युटिकल्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. रवि धवन, महासचिव अमित कपूर, अजय शर्मा, पीयूष, आशीश, सुरिंदर, संजीव, रमन गुप्ता, प्रेम अग्रवाल,स विजय सूरी तथा लघु उद्योग भारती के डॉ. जेपी सिंह खड़े हो गए हैं। धवन और कपूर ने कहा कि खास बात तो यह रही कि कार्रवाई के लिए नोटिस दिया जाना चाहिए था मगर ऐसा नहीं हुआ। जो सामान मिला उसे बिना टेस्ट रिपोर्ट आए ही नशीला पदार्थ करार दिया गया। ड्रग इंस्पेक्टर बबलीन कौर भट्टी ने बताया कि विल्मार्क कंपनी के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी तीन मामले आ चुके हैं, जिनमें निगेटिव रिपोर्ट आई थी और उनके आधार पर कार्रवाई की गई है।