मुंबई। फार्मा लाइव एक्सपो और समिट 2024 ने फार्मा उद्योग में ज्ञान के आदान-प्रदान, नेटवर्किंग और नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया। इंडियन ड्रग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईडीएमए) और आइसएक्सपो का यह आयोजन बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर में हुआ।

भारतीय फार्मा सशक्त राह पर

यह कार्यक्रम रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तत्वावधान में हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. अरुणीश चावला, आईएएस – फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने किया। डॉ. चावला ने कहा कि भारत के फार्मा और मेड-टेक उद्योग एक शक्तिशाली प्रक्षेप पथ पर हैं। ये सरकार के दो-आयामी दृष्टिकोण : लक्षित वित्तीय प्रोत्साहन और रणनीतिक नीति ढांचे से प्रेरित हैं।

उन्होंने कर संरचनाओं को अनुकूलित करने और घरेलू मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहित करने के लिए थोक दवा और चिकित्सा उपकरण पर्क योजनाओं, सामान्य सुविधा समर्थन और एक समर्पित नीति ढांचे जैसी पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने उद्योग की जरूरतों को पूरा करने में उनकी प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा योजनाओं में चल रहे सुधार पर जोर दिया।

एसोसिएशन की प्रतिबद्धता पर जोर

आईडीएमए के महासचिव दारा पटेल ने भारतीय फार्मा उद्योग को सशक्त बनाने के लिए एसोसिएशन की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। यूनाइटेड स्टेट्स फार्माकोपिया (यूएसपी) जैसे साझेदारों के संबंध में उनहोंने कहा कि ये साझेदारियां उद्योग चर्चाओं में विशेषज्ञ आवाज लाती हैं। इसके अलावा, अत्याधुनिक विषयों पर नियमित सेमिनार और कार्यशालाओं की सुविधा भी देती हैं।

फार्मा उद्योग में प्रगति पर गहराई से विचार

प्रदर्शनी में फार्मा क्षेत्र के नवाचारों में प्रगति को प्रदर्शित करने और नवीनतम रुझानों और नवाचारों का पता लगाने का प्रयास किया गया। सम्मेलन में फार्मा और विनियामक डोमेन के प्रमुख वक्ताओं ने फार्मा उद्योग में प्रगति पर गहराई से विचार किया। उन्होंने उभरते परिदृश्य में विकास को पकडऩे के लिए नए दृष्टिकोण पेश किए। उन्होंने उद्योग की विकास क्षमता पर भी प्रकाश डाला और चुनौतियों को कम करने के लिए रणनीतियों की सिफारिश की।

इन देशों की रही सहभागिता

मलेशिया, इंडोनेशिया, ताइवान, घाना, युगांडा, अंगोला, श्रीलंका, इथियोपिया, स्वाजीलैंड, स्लोवाक गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, मेडागास्कर, चिली, सोमालिया, नेपाल, रवांडा, यूके, यूएसए, सऊदी अरब, अजरबैजान, ब्राजील, फिलीपींस जैसे देशों के प्रतिनिधि , नाइजीरिया, बारबाडोस, म्यांमार, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात इस आयोजन में शामिल हुए।