नई दिल्ली। दिल्ली फार्मेसी काउंसिल के पूर्व-रजिस्ट्रार और फार्मासिस्ट कुलदीप सिंह के खिलाफ केस दर्ज किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यह कार्रवाई एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने की है। पूर्व-रजिस्ट्रार पर अपने कार्यकाल के दौरान तीन लोगों को फर्जी दस्तावेज के आधार पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने का आरोप है। एसीबी ने यह कार्रवाई सेक्शन ऑफिसर अजय सचदेवा की शिकायत पर की। बतां दे काउंसिल पहले ही कुलदीप सिंह को सस्पेंड कर चुकी है।
अगले अधिकारी को तीन महीने तक चार्ज नहीं सौंपा
बताया गया है कि रजिस्ट्रार के दस्तावेजों और सत्यापन रिपोर्ट को निलंबन का आदेश जारी होने के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय में ताले में बंद कर रखा था। उन्होंने तीन माह से अधिक समय तक अगले अधिकारी को चार्ज भी नहीं सौंपा।
इनके सर्टिफिकेट मिले जाली
जिन तीन अभ्यर्थियों के दस्तावेज जाली पाए गए हैं, उनमें मोहम्मद मुज्जसिम निवासी संभल, यूपी का सरकारी अस्पताल में ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट जाली निकला। दूसरे अभ्यर्थी मदन दुबे का भी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया था। वहीं, तीसरे अभ्यर्थी हीरा का बिहार बोर्ड ओपन स्कूलिंग का बारहवीं का सर्टिफिकेट भी जाली मिला। यह फर्जीवाड़ा वर्ष 2022-23 के दौरान हुआ बताया गया है।
तीन अभ्यर्थियों को फार्मेसी में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किए
शिकायतकर्ता सेक्शन ऑफिसर काउंसिल अजय सचदेवा का आरोप है कि दिल्ली फार्मेसी काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार व फार्मासिस्ट कुलदीप सिंह के निलंबन के बाद फाइलों की जांच की गई। इसके बाद इन तीन लोगों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया। पूर्व रजिस्ट्रार ने तीन अभ्यर्थियों को फार्मेसी में रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किए थे। इन तीनों ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से फार्मासिस्ट के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया था।