नई दिल्ली। फूड सप्लीमेंट लेने वालों के लिए जीएसटी वरदान साबित होता दिख रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद फूड सप्लीमेंट की पहली सस्ती खेप दवा बाजार में पहुंच चुकी है। दवा की दुकानों पर बिकने वाले कुछ चुनिंदा फूड सप्लीमेंट पर केंद्र सरकार ने टैक्स की दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी है। जिसका सीधा फायदा फूड सप्लीमेंट लेने वाले लोगों को होगा।
इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने 18 से 28 फीसदी वाले स्लैब को ही समाप्त कर दिया। अब कंपनियों की बिक्री दर वही रहेगी लेकिन टैक्स में कमी का लाभ लोगों को मिलेगा। हालांकि ये भी एक सच है कि इस फैसले के बावजूद पहले बाजार में मौजूद स्टाक खपने तक स्थिति पहले जैसी ही रहेगी।
जीएसटी में दवाओं के स्लैब में संशोधन से कुछ दवाओं और फूड सप्लीमेंट पर टैक्स की दर 12 घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है। साथ ही इससे च्यवनप्राश, बोनवीटा, हॉर्लिक्स, शुगरफ्री गोली आदि के दाम कम हुए हैं।
जीएसटी में दवाओं पर टैक्स के चार स्लैब निर्धारित किए गए थे, अब इनकी संख्या तीन ही रह गई है। सरकार ने आम लोगों के अधिकांश उपयोग में आने वाली दवाओं और फूड सप्लीमेंट पर टैक्स की दरें संशोधित कर दी हैं।