बक्सर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम यानि आरबीएसके के फार्मासिस्ट और एएनएम 15 जून से होम क्वारंटाइन हो जाएंगे। आपको बता दें कि ये कोरोना महामारी के कारण नहीं बल्कि सरकार की वजह होम क्वारंटाइन में होंगे। दरअसल, वेतन विसंगति को लेकर आरबीएसके के सभी फॉर्मासिस्ट एवं एएनएम आक्रोशित हंै। खासकर आयुष चिकित्सकों के मानदेय में हुई बढ़ोत्तरी के बाद इनका आक्रोश चरम पर है। इसको लेकर आरबीएसके के फॉर्मासिस्ट एवं एएनएम ने सिविल सर्जन डॉ.जितेन्द्र नाथ से मुलाकात की। इस दौरान इन लोगों ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सिविल सर्जन को सौंपा। इन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में लिखित परीक्षा के आधार पर फार्मासिस्ट, आयुष डॉक्टर और एएनएम की बहाली हुई थी। बहाली के समय आयुष चिकित्सकों को 20 हजार,फॉर्मासिस्ट को 12 हजार तथा एएनएम को 11 हजार 500 रुपये मिलता था। वर्तमान में कोविड-19 के दौरान आयुष चिकित्सकों का मानदेय 20 हजार से बढ़ाकर 44 हजार कर दिया गया। जबकि, फॉर्मासिस्ट और एएनएम के मानदेय पर कोई विचार नहीं किया गया। फॉर्मासिस्टों ने बताया कि विभाग को इस बारे में कई बार ज्ञापन देने के बाद भी अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। इन लोगों ने कहा कि कोविड-19 की इस आपात स्थिति में भी फॉर्मासिस्ट एवं एएनएम ने वेतन विसंगति को भुलाकर अपना कर्तव्य करते आ रहे हैं। बावजूद सरकार के स्तर से भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है।