चिरमिरी पोड़ी, कोरिया (छग)। कोरोना संक्रमण के नाम पर कुछ लोग अपनी धंधा चमकाने में लगे हैं। कोरिया जिले के चिरमिरी नगर निगम से सामने आ रहा है। नगर निगम चिरमिरी में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव व रोकथाम को लेकर 2 साल पहले बंद हो चुकी इंदौर की फार्मा कंपनी के नाम का लेबल चस्पा कर डोर-टू-डोर सेनिटाइजर वितरण कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार सेनिटाइजर की पैकेजिंग स्थानीय स्तर पर की गई है। ऐसे में नकली सेनिटाइजर वितरण कर निगम के 40 पार्षदों की निधि से मिले 40 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा कर दिया गया। इस मामले में महापौर ने जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रायपुर की ओर से पार्षद निधि से कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम करने को लेकर राशि खर्च करने की अनुमति मिली थी। इसके बाद नगर निगम चिरमिरी के 40 वार्ड के पार्षद अपनी निधि से एक-एक लाख रुपए सेनिटाइजर सहित अन्य सामग्री खरीदी करने मंजूरी दी थी। पार्षद निधि से एकत्रित 40 लाख की राशि से सेनिटाइजर सहित अन्य सामग्री खरीदी कर नगर निगम की ओर से स्वच्छता, स्वास्थ्य विभाग पार्षदों को उपलब्ध कराया गया, जिसे वार्ड पार्षद व निगम के कर्मचारी डोर- टू-डोर नि:शुल्क वितरण कर रहे हैं। इस दौरान इंदौर की फार्मा कंपनी आशीष केमिकल्स के नाम का लेबल चस्पाकर सेनिटाइजर का वितरण किया गया है। इस सेनिटाइजर के नकली होने की क्षेत्र में चर्चा हो रही है। इंदौर की आशीष केमिकल्स कंपनी 2 साल पहले ही बंद हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम की ओर से स्टेप डी के नाम से बनॉय फार्मा प्राइवेट लिमिटेड से हैण्ड सेनिटाइजर मंगाया गया है। इसमें भी इंदौर इंडस्ट्रियल एरिया के आशीष कैमिकल्स से मैन्यूफैक्चरिंग होने का लेबल चस्पा किया गया है। सूत्रों के अनुसार एक रसूखदार ने अपनी राजनीतिक पहुंच का फायदा उठाकर सेनिटाइजर सप्लाई करने ठेका हथिया लिया है और स्थानीय स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग कर सप्लाई कर रहा है।