नई दिल्ली। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज के लिए नई दवा को मंजूरी दे दी है। 10 साल या इससे ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए एफडीए ने विक्टोजा इंजेक्शन को मंजूरी दी है। यह बच्चों में टाइप-2 डायबीटीज की पहली नॉन-इनसुलिन दवा है। इससे पहले साल 2000 में मेटफॉरमिन को मंजूरी दी गई थी। विक्टोजा को 2010 में वयस्क मरीजों के इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई थी। गौरतलब है कि टाइप-2 डायबीटीज तेजी से बढ़ रही है। टाइप-2 डायबीटीज में पैनक्रियाज में पर्याप्त इनसुलिन नहीं बन पाता है। टाइप-2 डायबीटीज आमतौर पर 40 की उम्र के बाद होता है लेकिन इन दिनों बच्चे भी तेजी से इसका शिकार हो रहे हैं।
टाइप 2 डायबीटीज के रोगियों में ब्लड शुगर को कम करने के लिए विक्टोजा के असर और सुरक्षा की स्टडी वयस्कों, 10 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों पर की गई। यह स्टडी 26 सप्ताह से अधिक समय के लिए की गई थी। बच्चों की स्टडी में लगभग 64 फीसदी मरीजों में उनके हीमोग्लोबिन की कमी 7 फीसदी से कम थी, जबकि विक्टोजा पर, प्लेसबो के साथ केवल 37 प्रतिशत मरीजों में ये कमी देखी गई।