गाजियाबाद। भारत में टीबी की समस्या कितनी बड़ी है ये शायद ही बताने की जरूरत हो। दिन प्रतिदिन ये समस्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक देश से टीबी को खत्म करने के प्रयासों में जुटी हैं। वहीं दिल्ली से सटे गाजियाबाद में ही केंद्र सरकार के मिशन को फेल करने की हर मुमकिन कोशिश हो रही है।
गाजियाबाद की बात करे तो, यहां हर साल टीबी के मरीजों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। एक तरफ टीबी की दवा फ्री है लेकिन यहां तो इस फ्री दवा के भी पैसे वसूले जा रहे है। इतना काफी नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी क्लीनिकों को टीबी मरीजों के लिए तय की गई राशि का भी भुगतान नहीं किया गया है। वहीं सीएमओ ने इस मसले पर जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही हैं।
उत्तर प्रदेश के टीबी विभाग में लगातार अनियमितताएं सामने आ रही हैं। प्रताप विहार, अर्थला, खोड़ा और लोनी से लगातार मरीजों से दवा के नाम पर पैसे लिए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। कुछ वक्त पहले दो मरीजों के परिजनों ने तो जिला एमएमजी अस्पताल स्थित टीबी विभाग के मुख्य कार्यालय पर हंगामा भी किया था। इसके अलावा हिंडनपार इलाके में टीबी विभाग के अनुबंधित निजी क्लिनिकों को प्रति मरीज तय राशि का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है, जबकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोनी सामुदायिक केंद्र के प्रभारी के खाते में 16 लाख रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। अब देखने वाली बात होगी सीएमओ की तरफ से इस मसले पर कितनी जल्दी कार्रवाई की जाती है।