रुडक़ी। औषधि विभाग की टीम ने पिछले दिनों जो कफ सीरप जब्त किया था, उसकी पुलिस जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार वह सिरप उस कंपनी में तैयार नहीं हुआ था जिसका लेबल पैङ्क्षकग और बोतलों पर लगाया गया था। कंपनी ने भी यह कफ सीरप न बनाए जाने की बात कही है। कंपनी का जवाब मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
गौरतलब है कि ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार के नेतृत्व में नकली दवा की सप्लाई करने के आरोप में 20 सितंबर को विपिन कुमार निवासी साउथ सिविल लाइंस, जावेद और महेश कुमार को पकड़ा था। तीनों आरोपियों के कब्जे से कफ सीरप की चार पेटियां बरामद हुई थी। इस संबंध में कोतवाली पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामले की जांच कर रहे एसआई संजय कुमार नेगी ने बताया कि पकड़ी गई दवाओं पर हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एक दवा कंपनी का नाम लिखा हुआ था, जिसके बाद कंपनी से बरामद दवा के बारे में जानकारी जुटाई गई थी। कंपनी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पकड़ी गई दवाएं उनकी कंपनी में नहीं बनी हंै। उनकी कंपनी के नाम का इस्तेमाल कर उसके रैपर तैयार किए गए हैं। एसआई संजय कुमार नेगी ने बताया कि मामले की जांच पूरी कर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। ड्रग इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने बताया कि पकड़ी गई दवाओं के सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।