Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) शहर में स्थित एक निजी अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। आरोप है ढ़ाई साल के बच्चे का तोतलेपन का ऑपरेशन करने की जगह उसका खतना कर दिया गया। इस मामले पर हिंदू संगठन ने जमकर हंगामा किया। मामले की सूचना प्राप्त होते ही डिप्टी सीएम के निर्देश पर आरोपी अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
10 घंटे की लंबी जांच के बाद अस्पताल का लाइसेंस रद्द (Bareilly)
इस मामले में गठित जांच कमेटी ने प्रथम दृष्टया अस्पताल प्रबंधन दोषी पाया गया है। तकरीबन 10 घंटे तक चली जांच में कमेटी की ओर से दोनों पक्षों की दलीलों को सुना गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आरोपों की जांच में प्रथम दृष्टया एम खान अस्पताल प्रबंधन को मामले में जिम्मेदार पाया गया। इसके बाद अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का निर्देश दिया गया।
तोतलेपन के ऑपरेशन के बजाय कर दिया खतना
बरेली नगर में स्टेडियम मार्ग पर एम खान अस्पताल में संजयनगर के रहने वाले दंपति अपने ढ़ाई साल के बेटे के तोतलेपन का इलाज कराने के लिए आए थे। अस्पताल में कहा गया कि बच्चे के जीभ का ऑपरेशन किया जाएगा। आरोप है कि बच्चे के तालू का ऑपरेशन करने के बजाय डॉक्टर ने बच्चे का खतना कर दिया। ऑपरेशन के बाद स्टाफ ने दोबारा बच्चे को वार्ड में लिटा दिया। गर्मी लगने पर कपड़े हटाए तो खतने के बारे में पता चला। इस घटना का पता चलने पर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन कर हंगामा किया, तब पुलिस के साथ आईएमए पदाधिकारी भी पहुंच गए थे। इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
अस्पताल में नए मरीज की भर्ती पर रोक
जांच में अस्पताल का दोष साबित हुआ है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलबीर सिंह नेस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड करने का आदेश जारी किया। उन्होंने कहा, इसका मतलब है कि अस्पताल नए मरीजों को भर्ती नहीं कर सकता और उनका इलाज नहीं कर सकता। इस मामले में अभी जांच जारी रहेगी। अगर कोई अभिलेखों में अथवा अन्य गड़बड़ी के साक्ष्य पाए गए तब आगे और कड़ी कार्रवाई होगी।
साजिश के तहत किया गया ऑपरेशन
बच्चे के परिजनों का कहना है कि उनके हस्ताक्षर अंग्रेजी में लिखे एक दस्तावेज पर लिए गए थे, जिसे वे समझ नहीं पाए थे। बच्चे का खतना एक साजिश के तहत किया गया। वहीं इस मामले पर आरोपी डॉक्टर एम खान का कहना था कि बच्चे के मूत्रमार्ग में बार-बार संक्रमण हो रहा था। यही बीमारी बताकर उसे भर्ती किया गया था। उसके परिजनों की सहमति से मूत्रमार्ग की कुछ त्वचा काटी गई। इसी इलाज की फाइल बनी है। जीभ के ऑपरेशन की बात नहीं थी।
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