नई दिल्ली। अगर आप स्किन को हेल्दी और चमकदार बनाने के लिए ब्रांडेड ब्यूटी प्रॉडक्ट इस्तेमाल करते हैं, फिर भी उनका असर उलटा हो रहा है तो सावधान हो जाएं। आपका यह ब्यूटी प्रॉडक्ट नकली हो सकता है। दिल्ली-एनसीआर के बाजारों में नामी कंपनियों के नकली ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की भरमार है। आप तो अच्छे और ब्रांडेड के नाम पर ज्यादा कीमत चुका रहे हैं, लेकिन कुछ लालची सप्लायर और विक्रेता ज्यादा मुनाफे के चक्कर में नामी कंपनियों के नाम पर नकली प्रॉडक्ट्स बेच रहे हैं।
यह खुलासा सदर बाजार में पुलिस की सिलसिलेवार छापामारी के चलते हुआ है। नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट की डीआईयू और सदर बाजार थाने की जॉइंट टीमों ने थोक मार्केट के तौर पर मशहूर सदर बाजार के अलग-अलग हिस्सों में रेड करके भारी संख्या में हिन्दुस्तान यूनीलिवर और नीविया के नकली प्रॉडक्ट्स रिकवर किए हैं। उनमें क्रीम, लिपस्टिक आदि कॉस्मेटिक हैं। जाहिर है कि यहां से नकली प्रॉडक्ट्स दिल्ली के अन्य बाजारों में भी पहुंच रहे थे।
डीसीपी (नॉर्थ) नूपुर प्रसाद ने नकली प्रॉडक्ट्स का धंधा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में कॉपी राइट ऐक्ट के तहत केस दर्ज किए हैं। हाल में अलग-अलग जगहों पर रेड के चलते चार आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। कुछ समय पहले दूसरी कंपनियों के भी नकली प्रॉडक्ट्स पकड़े गए हैं। हालिया कार्रवाई में गिरफ्तार आरोपियों में सदर के कुछ पटरी दुकानदार और एक थोक दुकानदार शामिल हैं। उनसे पूछताछ में पता चला है कि नकली प्रॉडक्ट दिल्ली में दूसरे राज्यों से डिलिवर किए जा रहे हैं। इसलिए आशंका है कि उनका उत्पादन भी बाहरी राज्यों में हो रहा है। इस सिलसिले में एक कंपनी की शिकायत पर 14 जनवरी को बड़ी रेड हुई। सबसे पहले सदर बाजार में रोड साइड पर कॉस्मेटिक बेचने वाले तीन विक्रेता अरेस्ट किए गए। उनकी पहचान दीपक, जितेंद्र और लक्ष्मण के तौर पर हुई। तीनों सदर बाजार के रहने वाले हैं। उनके पास से 56 सौ पीस नीविया और लक्मे के नकली प्रॉडक्ट रिकवर हुए। उनसे पूछताछ पर सदर बाजार छावला मार्केट में रेड करके रंजीत नगर निवासी प्रवीण कुमार को अरेस्ट किया गया। उनके पास से 9 बोरे नकली कॉस्टमेटिक मिले। प्रवीण ने बताया कि उन्हें ये प्रॉडक्ट राजू नामक सप्लायर पहुंचाता रहा है, जो फोन पर ऑर्डर लेता है। एक आरोपी वेंडर दीपक ने बताया कि उसे बरेली से समीर नामक शख्स नकली प्रॉडक्ट की डिलिवरी देता रहा है। वह फोन पर संपर्क में रहता है। आयुष निदेशालय के मेडिकल ऑफिसर डॉ. नीरज कुमार त्रिपाठी का कहना है कि क्रीम को बनाने में ब्लीचिंग पाउडर व अन्य केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। यह एक तय मात्रा से अधिक होने पर स्किन को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं। उम्मीद की जाती है कि कंपनी प्रॉडक्ट में केमिकल्स उचित मात्रा में रहते हैं। उनके साथ ही हर्बल तत्व भी डाले जाते हैं। उन्हें अच्छी तरह मिक्स किया जाता है, लेकिन यदि वही प्रॉडक्ट नकली है, तो उसमें केमिकल्स की मात्रा बहुत ज्यादा होने की आशंका रहती है। हर्बल तत्वों की जगह सिर्फ उनकी गंध डाली जाती है। ऐसी क्रीम चेहरा निखारने के बजाए खराब कर सकती है। चेहरे पर झाइयां, काले धब्बे, चकत्ते हो सकते हैं।