ऊना (हप्र)। ड्रग कंट्रोल विभाग ने अल्कोहल के नाम पर मेथेनॉल सप्लाई करने वाली अहमदाबाद की कंपनी को नोटिस जारी किया है। वहीं, ऊना की दोनों कंपनियों को सभी राज्यों के बाजारों से सेनेटाइजर का स्टॉक हटाने के निर्देश भी दिए गए हैं। मेथेनॉल सप्लाई करने वाली कंपनी व स्थानीय दो उद्योगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। गौरतलब है कि कुछ कंपनियों से जहरीला सैनिटाइजर सप्लाई हुआ था। उत्तरी भारत के पांच राज्यों में सैनिटाइजर के सैंपल फेल होने के बाद मामले की पड़ताल पर उतरे हिमाचल प्रदेश ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों ने कंपनियों की यह धोखाधड़ी पकड़ी है। विभाग ने जो सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल की गई सामग्री के सैंपल भरे थे, उनमें अल्कोहल की जगह जहरीला मेथेनॉल रसायन पाया। यह ऐसा पदार्थ है जो व्यक्ति को मृत्यु तक भी लेकर जा सकता है। इसका बच्चों की त्वचा पर वितरीत असर हो सकता है और आंखों की रोशनी तथा किडनी तक भी खराब हो सकती है। हिमाचल प्रदेश ड्रग कंट्रोल विभाग द्वारा ऊना जिले की जिन दो कंपनियों के सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रही सामग्री के करीब महीना भर पहले सैंपल भरे थे। कई राज्यों में सैनिटाइजर के सैंपल फेल होने की खबरों के बाद महकमे ने इसका संज्ञान लिया था। इस कार्रवाई में महकमे की टीम द्वारा औचक निरीक्षण किया गया था और जो सैंपल भेजे गए थे उनके अल्कोहल की जगह मेथेनॉल जहरीला रसायन पाया गया है। हैरानी की बात तो यह है कि इस सैनिटाइजर में 97 फीसद मेथेनॉल की मात्रा पाई गई है। यह रसायन इतना घातक है कि ऐसे में गलती से भी इससे बने सैनिटाइजर की मात्रा शरीर के भीतर जाने से व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। ड्रग कंट्रोल महकमे की जांच में यह भी सामने आया है कि डिमांड बढऩे के बाद अचानक जब सैनिटाइजर की खपत बढऩे लगी तो कुछ कंपनियों ने इस दौरान मेथेनॉल का इस्तेमाल शुरु किया है। अल्कोहल की तुलना में मेथेनॉल की कीमत कई गुणा कम है। यह मेथेनॉल की सप्लाई अहमदाबाद की एक कंपनी द्वारा स्थानीय
सैनिटाइजर बनाने वाली यूनिटों में की गई है।