मुंबई। बाहरी मरीज से अब बीएमसी यानि मुंबई के अस्पतालों में ज्यादा शुल्क लिया जाएगा। वहीं, मुंबईकरों के अलावा किसी को भी बीएमसी अस्पतालों में फ्री दवा नहीं मिलेगी।
बीएमसी कमिश्नर आई.एस. चहल ने वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि मुंबईकरों के अलावा किसी को भी बीएमसी अस्पतालों में मुफ्त दवा नहीं दी जाएगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बाहर से आने वाले मरीजों से डबल शुल्क वसूला जाना चाहिए।
मुंबईकर देते हैं बीएमसी को टैक्स
उन्होंने कहा कि बीएमसी ने पूरे देश के मरीजों का ठेका नहीं ले रखा है। बीएमसी को टैक्स मुंबईकर देते हैं, इसलिए बाहर के लोगों को ज्यादा शुल्क देना होगा। चहल ने कहा कि मीरा-भाईंदर , वसई-विरार, पालघर, ठाणे, भिवंडी, कल्याण और नवी मुंबई के मरीजों को भी अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
टैक्स का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च
बीएमसी के बजट में कहा गया है कि मुंबईकरों द्वारा मिलने वाले टैक्स का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जाता है। महाराष्ट्र के बाहर से इलाज कराने आने वाले मरीजों से अलग से शुल्क वसूलने के लिए विचार करना जरूरी है। इसके लिए स्टडी की जाएगी। बता दें कि मुंबई में बीएमसी के केईएम, नायर, सायन और कूपर बड़े अस्पताल हैं। जबकि उपनगरों में 16 अस्पताल हैं। इनमें मुंबई सहित देश के अन्य राज्यों से आने वाले लाखों मरीजों का प्रतिदिन इलाज होता है।
ज्यादा शुल्क की घोषणा का विरोध
उधर, मुंबई के बाहर से आने वाले मरीजों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने की घोषणा का विरोध शुरू हो गया है। सत्ताधारी मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार से लेकर विपक्षी कांग्रेस और सपा ने बाहरी मरीजों से ज्यादा शुल्क वसूलने की घोषणा पर विरोध जताया है। बीजेपी ने कहा है कि यदि बीएमसी ने अपनी घोषणा को वापस नहीं लिया तो वह इसकी शिकायत उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से करेंगे। विपक्ष ने भी सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।