फार्मेसी विद्यार्थियों के बीच ‘फंगसुख वांगड़ू’ सरीखे अंदाज में दिखे पीसीआई चेयरमैन
रोहतक (हरियाणा) : ‘काबिल बनो, कामयाबी झक मारकर आपके पीछे आएगी’: वर्ष 2009 में आई सुपरहिट फिल्म 3 इडियट्स के इसी डायलॉग से आमिर खान ने ‘इडियट’ शब्द के मायने ही बदल दिए। फिल्म के बाद से कामयाब लोग खुद को ‘इडियट’ कहने पर इतराने लगे।  जिस संदेश को 3 इडियट्स के जरिए पहुंचाने में आमिर खान को तीन घंटे का वक्त लगा, उसी संदेश की छाप श्रीबाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों के बीच पहुंचे फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन बी. सुरेश अपनी पौने घंटे की स्पीच में छोड़ गए। विद्यार्थियों को डियर-डियर-डियर स्टूडेंट पुकारने के अनोखे अंदाज से तालियां लूटने वाले बी.सुरेश जब तक माइक पर रहे, सबकी निगाह उनके चेहरे पर टिकी रही। अपनी उम्र से दोगुने ‘वजन’ केबी. सुरेश की स्पीच का एक-एक लफ्ज फार्मेसी स्टूडेंट एवं उपस्थित ‘जेंटरी’ को वजनदार लगा। यही वजह रही कि बीच-बीच में तालियों की गडग़ड़ाहट से तो पंडाल जरूर गूंजा, लेकिन बातचीत का एक शब्द भी सुनाई नहीं दिया।
फार्मासिस्टों की अनिवार्यता समाप्त करने पर उतारू केमिस्टों की ऑल इंडिया एसोसिएशन के कड़े रुख के बीच बी.सुरेश ने फार्मेसी विद्यार्थियों का भविष्य सुनहरा बताते हुए उन्हें आगे बढऩे का इशारा किया। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के बैनर तले फार्मेसी के मंच से बी. सुरेश ने अलग-अलग वर्गों के कामयाब लोगों का आकर्षक ढंग से उदाहरण प्रस्तुत कर विद्यार्थियों के कान में सफल होने का मूलमंत्र फूंका। बुलंद हौसले के साथ उन्होंने कहा कि वह अकेले नहीं है, पांच लाख फार्मेसी स्टूडेंट्स की लंबी फौज उनके साथ है। ‘कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना’ अंदाज में उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वह 10-15 हजार की नौकरी के पीछे मत भागें बल्कि दूसरों को नौकरी देने के काबिल बनें। बिना पानी पीये माइक पर करीब घंटेभर बी. सुरेश ‘फ्लो’ में बोलते रहे। जिस अंदाज में उन्होंने बोलना शुरू किया था, अंत तक उनके चेहरे और जुबान पर वह जोश बरकरार रहा। जाते हुए भी फार्मा स्टूडेंट्स को स्नेहपूर्वक ‘डियर-डियर-डियर स्टूडेंट’ कहना नहीं भूले।