लुधियाना में एक स्थानीय अदालत ने मेडिकल स्टोर चलाने वाले एक व्यक्ति को आवश्यक दवा बिक्री लाइसेंस के बिना तीन प्रकार की एलोपैथिक दवाओं का स्टॉक करने के लिए तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट) केके गोयल की अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर 6 महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। लुधियाना की ड्रग्स इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर ने आरोपी राहुल मेडिकल स्टोर के प्रभारी वरिंदर कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत शिकायत दर्ज की थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 3 सितंबर 2012 को शिकायतकर्ता ने एंटी नारकोटिक सेल, लुधियाना रेंज के निरीक्षक/प्रभारी शाम सुंदर के साथ वरिंदर कुमार के परिसर का निरीक्षण किया, जो वहां मौजूद था। इलाके के दो व्यक्ति, जसविंदर सिंह और हरीश कुमार सार्वजनिक गवाह के रूप में शामिल हुए। पूछताछ करने पर, वरिंदर कुमार बिक्री और वितरण के लिए एलोपैथिक दवाओं को स्टॉक करने के लिए अधिकृत वैध ड्रग्स लाइसेंस नहीं दिखा सका। वरिंदर कुमार खरीद का रिकार्ड भी पेश नहीं कर सके। परिवादी द्वारा प्रपत्र क्रमांक 16 पर तीन प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां जब्त की गयीं।

सुनवाई के दौरान आरोपी ने झूठा फंसाने की दलील दी। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि दुकान के आरोपी के स्वामित्व का कोई दस्तावेज साबित नहीं हुआ और संबंधित दुकान के संबंध में उसकी स्थिति भी साबित नहीं हुई। अदालत ने माना कि जब रूपप्रीत कौर ने दुकान का दौरा किया, तो आरोपी उसके प्रभारी के रूप में मौजूद था और उसने निरीक्षण के समय विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।

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उन्होंने कहा, ”इस बारे में कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है कि उन्होंने इन दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर क्यों किये। उन्होंने वर्तमान मामले में अपने कथित झूठे आरोप के बारे में या दुकान से कोई सरोकार नहीं होने के बारे में उच्च अधिकारियों को कभी कोई शिकायत या प्रतिनिधित्व नहीं किया। अदालत ने कहा कि इस मामले में उनकी चुप्पी और निष्क्रियता से पता चलता है कि दुकान और उसमें रखी एलोपैथिक दवाओं से कोई सरोकार नहीं होने की उनकी दलील बाद में सोची गई थी और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा, “इसके अलावा दुकान के स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज, यदि कोई हो, उसके पास रहे होंगे, जो उसने प्रस्तुत नहीं किए।”