गुरुग्राम। जिला अदालत ने फार्मेसी का लाइसेंस लिए बगैर दवा बेचने के दोषी को चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही 1.20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वर्ष 2012 के इस मामले में कोर्ट ने 7 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। जिला औषधि नियंत्रक अमनदीप चौहान ने बताया कि सोहना क्षेत्र में मुकेश कुमार नामक व्यक्ति हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल से लाइसेंस लिए बिना ही दवा दुकान चला रहा था। वर्ष 2012 में तत्कालीन जिला औषधि नियंत्रक पूजा चौधरी व तत्कालीन वरिष्ठ औषधि नियंत्रक ललित के गोयल ने उक्त मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। इस दौरान जांच में सामने आया था कि मुकेश कुमार बिना लाइसेंस के ही दवा की दुकान चला रहा था। दोषी के खिलाफ विभाग की ओर से जिला अदालत में मुकदमा दर्ज कराया गया था। अदालत ने अब नियमों के उल्लंघन पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27 बी के तहत दोषी को चार साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना तथा धारा 28 के तहत एक साल की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।