Gaya: बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे जरुर किए जाते हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। आए दिन बेहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की खबरें सामने आती रहती है। अब गया (Gaya) के मगध अस्पताल में शव को ठेले पर ले जाने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है।
गुरुवार को अस्पताल में भर्ती एक महिला की मौत हो गई। कंफर्म करने के लिए महिला को इमरजेंसी वार्ड में लाया गया जहां पर इसीजी होने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजन शव को लेकर ऐसे ही बाहर खड़े रहे लेकिन अस्पताल की ओर से शव को ले जाने के लिए ना तो मर्चरी वाहन दिया गया और ना कफन दिया गया। लेकिन इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाही नहीं की गई।
अस्पताल में तैनात गार्ड ने की अनदेखी (Gaya)
इस मामले पर अस्पताल में तैनात कर्मचारी और दूसरे मरीज के परिजनों ने बताया कि हेल्थ मैनेजर तरुण कुमार और मौजूदा सहायक कन्हैया प्रसाद ने अस्पताल में तैनात गार्ड को शव को रोकने के लिए कहा। लेकिन गार्ड ने अनसुना कर दिया। गार्ड अपनी जगह से हिला तक नहीं। सहायक के कई बार चिल्लाने के बाद भी गार्ड ने बात को अनसुनी कर दी। अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि विनोवा नगर के रहने वाले राधे मांझी नाम के शख्स ने अपनी 35 वर्षीय पत्नी रीना देवी को 28 अप्रैल को मगध अस्पताल में भर्ती कराया था। इलाज के दौरान 4 मई को रीना देवी की मौत हो गई। जब परिजन शव को घर ले जाने के लिए जाने लगे तो अस्पताल की ओर से मर्चरी वाहन और कफन उपलब्ध नहीं कराया गया। अंत में मजबूरन परिजनों को मृतका के शव को ठेले पर डालकर ले जाना पड़ा।
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आपको बता दें कि गया के मगध अस्पताल का ये पहला मामला नहीं है दो महीने पहले भी एक शव को अस्पताल से ठेले पर ले जाया गया था। 10 दिन पहले एक बच्चे की मौत पर बच्चे के शव को मजबूरी में हाथ में टांग कर उसकी मां को बाइक पर ले जाना पड़ा था। लेकिन इन सारी घटनाओं के बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाही नहीं की जाती है।