सोलन (हप्र)। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) ने नवंबर माह का ड्रग अलर्ट जारी किया है। इसमें देशभर में बनी 35 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। इनमें छह दवाएं हिमाचल प्रदेश में बनी हैं। सीडीएससीओ ने देशभर में 1158 दवाओं की जांच की। इसमें 35 के सैंपल नॉट ऑफ स्टैंडर्ड घोषित किए गए। हिमाचल की जो दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं, वे सोलन के बीबीएन और सिरमौर की हैं। हाई ब्लड प्रेशर, घुटनों का दर्द और पेट के कीड़ों सहित दर्द की दवा के सैंपल फेल होने के बाद ड्रग विभाग ने सभी उद्योग को बाजार से दवाओं के बैच के स्टाक वापस लाने का निर्देश दिया है। झाड़माजरी स्थित बायोजेनेटिक ड्रग्स कंपनी में निर्मित आइबूप्रोफिन टेबलट का बैच नंबर 01019-बीजेए36, झाड़माजरी स्थित लाइफ विजन हेल्थकेयर कंपनी में निर्मित टेलमिस्त्रटन टेबलेट का बैच नंबर एलवीटी-28800, नालागढ़ स्थित एल्फिन ड्रग्स की एल्बेंडाजोल दवा का बैच नंबर जी002-2561, बद्दी स्थित कंपनी प्रीत रेमीडीज में निर्मित केडप्रिल यानी रामीप्रिल टेबलट का बैच नंबर जैडपीआर0037, बद्दी स्थित साल्स फार्मास्यूटिकल में निर्मित मेडटवायन दवा का बैच नंबर एसपीटी 190048ए व कालाअंब स्थित सिबायसिज फार्मास्यूटिकल कंपनी में निर्मित डॉक्सीगार्ड का बैच नंबर एसओसी-615एफ का सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरा है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर का कहना है कि खराब बैच नंबर की दवा का स्टाक बाजार से वापस मंगवाने का निर्देश दिया है। प्रदेश के जिन उद्योगों की दवा के सैंपल फेल हुए हुआ, उनसे रिपोर्ट मिलने के बाद जवाब मांगा जाएगा व कार्रवाई होगी। प्रोडक्ट लाइसेंस भी सस्पेंड किया जाएगा।