दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन का भी ध्यान नहीं
26 मई को सरकारी अस्पतालों में हड़ताल पर जाएंगे डॉक्टर
नई दिल्ली: कहने को इस देश में डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन उनकी सुख-सुविधाओं की बात आती है, तो अनदेखी कर दी जाती है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में संशोधन की मांग को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के अलावा केंद्र तथा दिल्ली दिल्ली सरकार के सचिवों को पत्र लिखा गया था। लेकिन कहीं से उसका कोई जवाब नहीं आया है। सरकार ने वार्ता करने के लिए बुलाना तक मुनासिब नहीं समझा लिहाजा हड़ताल करने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। यह कहना है फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉ. पंकज सोलंकी का। उन्होंने कहा कि सरकार की इस बेरुखी से डॉक्टरों में रोष है।
रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि यदि सरकार ने आयोग की सिफारिशों में बदलाव नहीं की और हमारी मांगे नहीं मानी गई तो सभी अस्पतालों के डॉक्टर 26 मई से हड़ताल पर रहेंगे। उनका दावा है कि हड़ताल का वरिष्ठ डॉक्टर भी समर्थन करेंगे। ऐसे में दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा सकती हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश में डॉक्टरों को मिलने वाला गैर प्रैक्टिस भत्ता (एनपीए) को कम कर दिया गया है। इसलिए डॉक्टर एनपीए को बढ़ाने और उसे बेसिक वेतन मान में जोडऩे की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा डॉक्टरों का कहना है कि वे कई ऐसी बीमारियों का इलाज करते हैं जिसके चलते उन्हें संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसके लिए अलग से भत्ता देने की भी मांग कर रहे हैं। जबकि आयोग की सिफारिशों में कहा गया है कि डॉक्टरों का वेतन अतिरिक्त सचिव से ज्यादा नहीं हो सकता।