वाशिंगटन। अमेरिका में एक अदालत ने भारतीय दवा निर्माता कंपनी पर 5 करोड़ डॉलर का जुर्माना ठोका है। न्याय विभाग ने कंपनी को रिकॉर्ड छिपाने और नष्ट करने का दोषी मानते हुए यह फैसला सुनाया है। आरोप है कि वर्ष 2013 में एफडीए की टीम ने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का निरीक्षण तो किया, लेकिन इस दौरान कंपनी ने ना केवल जरूरी रिकॉर्ड छिपाए बल्कि उन्हें नष्ट भी किया। बताया जा रहा है कि अदालत ने कंपनी पर तीन करोड़ डॉलर आपराधिक जुर्माने के साथ ही दो करोड़ डॉलर का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है।

जज ने कहा कि दवा निर्माण से जुड़े रिकॉर्ड को छिपाने और नष्ट करने से एफकेओएल ने ना केवल एफडीए के नियमों का उल्लंघन किया है बल्कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को भी खतरे में डाला है। जानकारी के अनुसार किसी भी दवा को मंजूरी देने से पहले फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) उस जगह का निरीक्षण करता है जहां पर इसे बनाया जा रहा है। जांच के दौरान कंपनी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने में नाकाम रही थी। इससे पहले फ्रेजेनियस काबी ऑन्कोलॉजी लिमिटेड (एफकेओएल) को एफडीए कानूनों के उल्लंघन का दोषी पाया गया था। एफकेओएल का पश्चिम बंगाल के कल्याणी में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट है। यहां पर अमेरिका में बेचने के लिए कैंसर से जुड़ी दवाएं बनाई जाती है। कंपनी ने अपना अपराध कुबूल कर लिया है।