नई दिल्ली। भारत में क्लीनिकल ट्रायल के बिना विदेशी दवा को मंजूरी मिलेगी. इस संबंध में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आदेश जारी किया है। आदेशों में कहा गया है कि विदेश में यदि दवा को क्लिनिकल ट्रॉयल के बाद वहां के रेगुलेट्री अथॉरिटी की मंजूरी मिलती है तो उस दवा को भारतीय बाजार में सीधे प्रयोग में लाया जा सकता है। इसके लिए न्यू ड्रग एंड क्लिनिकल ट्रॉयल रूल 2019 के रूल 101 में बदलाव किया गया है। इनमें दुनिया के 5 देशों औऱ यूरोपीय यूनियन के किसी भी देश की दवा का जिक्र है। इससे गंभीर बीमारियों की दवा भी आसानी से उपलब्ध हो पाएगी।

सरकार के इस फैसले से दवाओं के रेगुलेट्री प्रोसेस में रिसोर्स खर्च की बचत होगी और इसका उपयोग किसी और काम में किया जा सकेगा। यह भी दावा किया गया है कि भारतीय दवा उद्योग वॉल्यूम से वैल्यू की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। विदेश से भारत आने वाली जो दवा भारतीय भौगोलिक परिस्थितियों के अनूकूल होगी, उस दवा को तत्काल प्रभाव से भारत में मंजूरी मिल जाएगी।

इन देशों की दवाओं को इजाजत

बताया गया है कि यूके, यूएस, आस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा और ईयू के देशों से आने वाली दवाओं को देसी क्लिनिकल ट्रायल से नहीं गुजरना होगा। वहां के देश में कोई भी दवा यदि क्लिनिकल ट्रॉयल से गुजर चुकी है तो उसे भारत में फिर ट्रॉयल से नहीं गुजरना होगा।

सस्ती होंगी दवाइयां

सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से दवाओं की सुगमता से उपलब्धता भी होगी। साथ ही विदेश की कम्पनियों के साथ भारत का करार होता है तो उसका उत्पादन भी भारत में ही होगा और इससे यह दवाएं काफी सस्ती हो जाएंगी।