रोहतक

हमारे देश में क्षय रोग से हर साल लगभग 1.5 मिलियन लोग मौत का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह है क्षय रोग के बारे में लोगों की जानकारी का अभाव। तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी या टीबी (tubercle bacillus का लघु रूप) एक आम और कई मामलों में घातक संक्रामक बीमारी है।
क्षय रोग एक संक्रामक बिमारी है, रोगियों से संपर्क में रहने से यह बिमारी फैलाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ)ने घोषणा की है कि क्षय रोग (टीबी ) एक वैश्विक आपातकाल स्थिति है।

सक्रिय टीबी संक्रमण के साधारण लक्षण हैं – खून वाली थूक के साथ पुरानी खांसी, बुखार, रात को पसीना आना और वजन घटना।

यह बीमारी भारत जैसे कइ देशों में महामारी के रूप में फैल रहा हैं। तपेदिक या टीबी एक घातक संक्रामक रोग है जो कि माइक्रोबैक्टीरिया टीबी के कारण होता है। तपेदिक आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करते हैं लेकिन ये रीढ़ की हड्डी, किडनी ओर यहां तक की मस्तिष्क में भी विकार उत्पपन्न कर देता है। भारत में हर साल टी.बी. से मरने वालों की संख्या 2 लाख से भी ज्यादा है। ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि क्षय रोग या तपेदिक क्या है। भारत में टी.बी. की स्थिति क्या हैं। इतना ही नहीं आपको टी.बी के प्रति जागरूक होने की भी जरूरत हैं और क्षय रोग से संबंधी तथ्यों के बारे में भी जानने की जरूरत हैं।

टी.बी. के साधारण लक्षण हैं – तीन सप्ताह या अधिक समय से खांसी, कभी-कभी थूक में खून आना, बुखार विशेषत: रात के समय, वजन कम होना, भूख कम लगना आदि।

लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर साल 24 मार्च को ट्यूबरकुलोसिस (टी.बी.) दिवस मनाया जाता हैं। क्षय रोग माइक्रोबैक्टिरियम टी.बी नामक जीवाणु से फैलता है और यह जीवाणु हर क्षेत्र और देश में लोगों को अलग-अलग रूप में संक्रमित करता है। तपेदिक के जीवाणु पूरी दुनिया में अलग-अलग रूप में पाए जाते हैं।

क्षयरोग संक्रामक रोग है जो कि संक्रमित व्यक्ति के बात करने, छींकने और उसके कफ से होता है।
क्या करें – यदि आपको तीन सप्ताह से अधिक दिन खांसी हैं तो आपको तुरंत बलगम की जांच करवानी चाहिए क्योंकि आपकी यह स्थिति टी.बी हो सकती हैं। टी.बी. ऐसी बीमारी हैं जिसे समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन यदि इलाज बार-बार बीच में छोड़ा जाता है तो स्थिति खतरनाक हो सकती है और आपको मौत का खतरा भी बढ़ सकता हैं।

वरिष्ठ सर्जन डॉ. आरएस दहिया के मुताबिक भारत, चीन और अफ्रीका जैसी जगहों में क्षय रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या सबसे अधिक पाइ जाती है। टी.बी उन व्यक्तियों को सबसे जल्दी अपनी चपेट में लेता हैं जो कमजोर हैं या जिनका इम्युन सिस्टम कमजोर होता है। टी.बी रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता हैं। टी.बी कोई आनुवांशिक बीमारी नहीं है बल्कि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। मादक पदार्थों के सेवन या एल्कोहल इत्यादि लेने वाले व्यक्ति को टी.बी. बहुत जल्दी अपनी चपेट में ले लेता हैं। जिन लोगों को एड्स है या फिर जो लोग डायबिटीज खासतौर पर टाइप 2 डायबिटीज से पीडि़त हैं उन्हें सामान्य व्यक्तियों की तुलना में क्षय रोग होने का खतरा अधिक रहता हैं। टी.बी बच्चों में भी फैलता है लेकिन बच्चों को समय रहते टी.बी वैक्सीन लगवाया जाए तो बच्चों को टी.बी. से बचाया जा सकता हैं।

साक्षरता मीडिया फै्रंड्स से साभार