चरखी दादरी। घिकाड़ा नहर के समीप सड़क किनारे मंगलवार दोपहर सरकारी दवाओं की खेप पड़ी मिली है। दवाओं पर हरियाणा सरकार और नॉट फॉर सेल लिखा हुआ है। मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और सीएमओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है। विभागीय टीम ने सड़क किनारे फेंकी गई आयरन सिरप और ओआरएस घोल के पैकेट कब्जे में ले लिया है। मामले की शिकायत पुलिस के अलावा स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों समेत स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को दी गई है। दरअसल अधिवक्ता संजीव तक्षक व अधिवक्ता विरेंद्र डूडी ने बताया कि वे किसी काम से घिकाड़ा रोड से गुजर रहे थे और नहर के पास उन्हें भारी तादाद में दवाएं पड़ी नजर आईं।

जब उन्होंने जांच की तो ये दवाएं सरकारी थीं। उन्होंने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री और डीजी हेल्थ के अलावा सदर थाना पुलिस को दे दी है। दरअसल एक्सपायरी डेट हुए बिना जो दवाएं फेंकी गई हैं, उन पर बैच नंबर आईईएसडब्ल्यू 55-56 लिखा है। बैच नंबर के आधार पर विभाग अब दवाओं को फेंकने वाले तक पहुंचेगा। विभाग ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया है कि बैच नंबर 55-56 का स्टॉक किस स्वास्थ्य केंद्र पर कितना भेजा गया है। इस संबंध में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात एएनएम और आशा वर्करों से भी पूछताछ की जाएगी। इसके अलावा शहर के समीपवर्ती गांवों की गर्भवती महिलाओं का डाटा निकालकर उनसे भी पूछताछ की जाएगी। विभाग का अंदेशा है कि इन दवाओं का वितरण रिकॉर्ड में तो चढ़ा दिया गया, लेकिन धरातल पर ऐसा नहीं किया गया।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर लगातार सवालिया निशान उठ रहे हैं। मंगलवार को घिकाड़ा नहर के समीप झाड़ियों से जो दवाएं बरामद हुई हैं, उन पर हरियाणा सरकार की मुहर लगी है। इससे स्पष्ट है कि ये दवा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के किसी कर्मचारी ने यहां फेंकी हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार आयरन सिरप और ओआरएस घोल के जो पैकेट बरामद हुए हैं वे गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दिए जाते हैं। इनके वितरण की जिम्मेदारी आशा वर्कर और एएनएम की होती है। मामला संज्ञान में आते ही सीएमओ डॉ. सुदर्शन पंवार ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर मौके पर भेजा। वहीं, सिटीएम अमित मान और सदर थाना प्रभारी जगवीर सिंह भी टीम सहित मौके पर पहुंचे। सिटीएम ने मामले की जानकारी डीसी राजेश जोगपाल को भी दी। डीसी ने मामले की तह तक जाकर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।

तो वहीं डिप्टी सीएमओ व टीम इंचार्ज – गौरव भारद्वाज ने बताया कि हमने दवाओं को कब्जे में ले लिया है। जांच शुरू करते हुए डिस्पेंसरी से रिकॉर्ड भी मांगा गया है, ताकि पता चल सके कि किस केंद्र को कितनी दवाएं अलॉट हुई थीं। टीम को मौके से 165 आयरन एंड फोलिक एसिड सिरप की शीशी और 27 पैकेट ओआरएस घोल के बरामद हुए हैं। शिकायत हमने सदर थाना पुलिस को सौंप दी है।बता दें कि सिटीएम – अमित मान के मुताबिक सरकारी दवाएं सड़क किनारे पड़ी होने की सूचना मिलने के बाद मैं भी मौके पर पहुंचा था। सड़क किनारे फेंकी गई दवाएं एक्सपायरी डेट की नहीं हैं।

स्वास्थ्य विभाग को मामले की गहनता से जांच करने के आदेश दिए हैं।साथ ही सदर थाना प्रभारी – जगवीर सिंह ने बताया कि सड़क किनारे पड़ी मिलीं दवाओं की हमने वीडियोग्राफी करवाई है। मामले की जांच हमने शुरू कर दी है। दवाएं फेंकने वाले का हम जल्द पता लगा लेंगे। हालांकि तीन सदस्यीय टीम में कोविड नोडल अधिकारी गौरव भारद्वाज, दंत चिकित्सक डॉ. संजय और महेश फार्मासिस्ट को शामिल किया है। तीन सदस्यीय टीम ने मौके पर पहुंचकर दवाओं का जायजा लिया और इसके बाद फतेहगढ़ सब सेंटर के एमपीएचडब्ल्यू, एएनएम और आशा वर्कर को भी मौके पर बुलाकर पूछताछ की। हालांकि उन्होंने दवाएं फेंकने से स्पष्ट इनकार कर दिया।