जालंधर। भ्रूण लिंग जांच करना एक कानूनी अपराध है, यह वाक्य शायद अस्पताल में लगे बोर्डों तक ही सीमित रह गया है। भ्रूण लिंग जांच पर लगे पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद आए दिन ऐसा मामला सामने आ जाता है, जहां स्केनिंग करते हुए कोई न कोई सेंटर पकड़ा जाता है। हाल ही में करतारपुर स्थित अरोड़ा अस्पताल के अरोड़ा स्केनिंग सेंटर पर छापामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिंग परीक्षण करते हुए उक्त सेंटर के कर्मचारियों को रंगे हाथों पकड़ लिया और अस्पताल के डाक्टर पीपी एस मुलतानी के खिलाफ करतारपुर पुलिस थाने में केस दर्ज करवा दिया।
भ्रूण लिंग परीक्षण का खेल पब्लिक रिलेशन आफिसर जोकि निजी अस्पतालों के प्रचार-प्रसार का काम करते हैं, उनके द्वारा रेफर करवाए गए मरीजों का भ्रूण लिंग जांच करके खेला जा रहा है। इसी संबंध में अरोड़ा स्केनिंग सेंटर के पीआरओ राजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने एक अन्य पीआरओ राकेश को भी इस मामले में संलिप्त पाए जाने पर नामजद किया है, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्तारी से पहले ही फरार हो गया। अस्पताल के स्केनिंग सेंटर को पहले ही सील कर उसका रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा चुका है। भ्रूण लिंग जांच में स्केनिंग सेंटरों का पकड़े जाना स्वास्थ्य विभाग की ढीली कार्रवाई को दर्शाता है। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होने पर ही भ्रूण लिंग जांच पर रोक लगने की उम्मीद की जा सकती है।