सहरसा (बिहार)। सदर थाना पुलिस ने शहर के कायस्थ टोला के मकान में छापेमारी कर नौ कार्टन कोडिन युक्त कफ सिरप के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया है। कफ सिरप किराना दुकान की आड़ में खपाया जा रहा था। जानकारी अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि कायस्थ टोला के मकान में कोडिन फॉस्फेट युक्त कफ सिरप मंगाकर भंडारण किया जा रहा है। इस पर सदर थानाध्यक्ष राजमणि के नेतृत्व में एक टीम गठित कर उक्त मकान पर छापेमारी की गई। पुलिस को देखकर दो युवक भागने लगे, जिन्हें समय रहते पकड़ लिया गया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी युवक राजेश कुमार व राजू कुमार दोनों सगे भाई है। उनकी निशानदेही पर उनके मकान से डाइलॉक्स डीसी कफ सिरप की 600 बोतल, डॉ. कफ नामक कफ सिरप 165 बोतल व एमड्राइल सी नामक कफ सिरप की 135 बोतल जो कुल नौ कार्टन में भरी थी, बरामद कर ली गई। दोनों आरोपी अवैध तरीके से दवा का संग्रहण और बिक्री कर रहे थे। इस मामले में दोनों युवकों के खिलाफ औषधि निरीक्षक के आवेदन पर औषधि अंगराज अधिनियम 1940 की धारा 18 सी का उल्लंघन एवं 27 बी समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सहरसा के सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि इस मामले में दो युवक को गिरफ्तार किया गया है। जबकि कफ सिरप की आपूर्ति कहां से की गई और इसके पीछे दोषी कौन हैं, इसकी जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जा रहा है। खासकर युवा वर्ग को इसकी लत लगती जा रही है। सस्ता नशा व आसानी से उपलब्ध होने के कारण इसका सेवन काफी मात्रा में किया जा रहा है। जबकि चिकित्सक डा. आइडी सिंह कहते हैं कि कफ सिरप अधिक मात्रा में पीना सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। इसकी लत लगने से कई तरह की बीमारी हो सकती है।