नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा देने की योजना ‘आयुष्मान भारत’ को बड़े कॉरपोरेट अस्पतालों ने नकार दिया है। दिल्ली सहित मेट्रो शहरों के चर्चित प्राइवेट अस्पतालों ने मरीजों को सस्ता इलाज देने से रूपष्ट तौर पर मना कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि दो हजार से ज्यादा अस्पतालों ने यह फैसला लिया है, जिसके बाद मरीज को दिल्ली जैसे शहर में इलाज उपलब्ध कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। कुछ ही दिन पहले इन अस्पतालों ने नीति आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र में इसका खुलासा भी किया था। इन सभी अस्पतालों ने नई कीमतों को भी मानने से इनकार कर दिया। इनका कहना है कि सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) कीमतों से भी कम आयुष्मान भारत को रखा है। जोकि निजी अस्पतालों के लिए बड़ा नुकसान हो सकता है।
सूत्रों की मानें तो इस सूची में फोर्टिस, मेदांता, मैक्स और अपोलो जैसे बड़े अस्पताल शामिल हैं। प्राइवेट अस्पतालों के संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के डीजी डॉ. गिरधर ज्ञानी ने बताया कि सरकार ने 10 करोड़ परिवार को पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वास्थ्य बीमा लाभ देने के लिए योजना शुरू की है। लेकिन इसमें बीमारियों के करीब 1352 पैकेज शामिल किए हैं, उनकी कीमतें बेहद कम हैं। व्यावहारिक तौर पर इन कीमतों में मरीज को इलाज देना किसी भी अस्पताल के लिए संभव नहीं है।