Delhi: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाही करते हुए दिल्ली (Delhi) के सफदरगंज अस्पताल के न्यूरोसर्जन मनीष रावत समेत उसके चार अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि न्यूरोसर्जन मनीष रावत कुछ बिचौलियों के साथ मिलकर मरीजों से रिश्वत लेने और पैसे ऐंठने का काम करता था। सूचना प्राप्त होने पर सीबीआई ने बड़ी कार्रवाही करते हुए इन 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी मनीष रावत सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

CBI की छापेमारी से हुआ पर्दाफाश (Delhi) 

सीबीआई अधिकारियों ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली के कई स्थानों पर छापेमारी कर इस मामले का पर्दाफाश हुआ। इस मामले के मुख्य आरोपी मनीष रावत को गुरुवार की सुबह ही गिरफ्तार कर लिया गया है। सीबीआई ने न्यूरोसर्जन रावत के अलावा और उसके चार सहयोगियों को भी रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया। इनमें नई दिल्ली में कनिष्क सर्जिकल के मालिक दीपक खट्टर और बिचौलिए अवनीश पटेल, मनीष शर्मा और कुलदीप शामिल हैं।

सर्जरी के नाम पर मरीजों से  लूट

सीबीआई ने जानकारी दी कि एक शिकायत मिली थी कि डॉक्टर मनीष रावत अपने कुछ करीबियों अवनेश पटेल, मनीष शर्मा, कनिष्क सर्जिकल के मालिक दीपक कट्टर और दीपक कट्टर के कर्मचारी कुलदीप के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश के तहत इलाज कराने आए मरीजों से मेडिकल सलाह देने और अस्पताल के नियमों को ताक पर रखकर सर्जरी करने के नाम पर पैसे ले रहा है। जांच में सामने आया कि डॉ मनीष रावत मरीजों से सर्जरी के लिए दीपक कट्टर के कनिष्क सर्जरी से उपकरण लेने की सलाह देता था और मरीज जब वहां उपकरण लेने जाते तो उन्हें ये उपकरण बहुत ऊंचे दामों में दिए जाते क्योंकि इसमें से काफी पैसा डॉक्टर मनीष को मिलता था।

डॉ मनीष  रावत के कहने पर अवनेश पटेल मरीजों के अटेंडेंट से संपर्क करता था। वो मरीजों से कहता था कि यदि वो रिश्वत देंगे तो डॉ मनीष की Appointment जल्दी मिल जायेगी। या फिर सर्जरी की तारीख जल्दी चाहिए तो वो भी मिल जायेगी। अवनेश मरीजों से मिले पैसे को दीपक कट्टर के कर्मचारियों मनीष शर्मा और कुलदीप को देता था या फिर उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था।

30 हजार से लेकर 1 से अधिक की रिश्वत

हाल ही में तीन मरीजों से 1 लाख 15 हजार, 30 हजार और 25 हजार रुपए रिश्वत के तौर पर लिए गए हैं। अवनेश मरीजों से मिले पैसे को दीपक कट्टर के कर्मचारियों मनीष शर्मा और कुलदीप को देता था या फिर उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर देता था। बाद में ये पैसे डॉ मनीष रावत को मिल जाते थे। गिरोह के सदस्य इन पैसों को आपस में बांट लेते थे।

सीबीआई ने डॉ. मनीष रावत , अवनेश पटेल, मनीष शर्मा, दीपक खट्टर और  कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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