नई दिल्ली। मरीज को दवाओं के साइड इफेक्ट बताने की मांग वाली जनहित याचिका (पीआइएल) कैंसिल कर दी गई है। दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मरीज को दवाओं के साइड इफेक्ट के बारे में सूचित करने के बारे में पहले से नियम-कानून की व्यवस्था मौजूद है।

दवाओं के साइड इफेक्ट से मरीज को नुकसान

याचिकाकर्ता का कहना था कि दवाओं के साइड इफेक्ट से मरीज को काफी नुकसान होता है। बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि मरीज को दवाओं के साइड इफेक्ट के बारे में सूचित करने के बारे में पहले से नियम-कानून की व्यवस्था मौजूद है। इसके तहत दवा निर्माता को दवा के साथ साइड इफेक्ट की जानकारी और पंजीकृत फार्मासिस्ट को मरीज को इसके बारे में बताना अनिवार्य है।

पहले से बना रखी है व्यवस्था

अदालत ने कहा कि विधायिका ने अपने विवेक से व्यवस्था बना रखी है तो याचिका पर निर्देश न्यायिक कानून जैसा होगा। फार्मासिस्ट पर शुल्क लगाने का फैसला किया है, इसलिए जनहित याचिका में की गई प्रार्थना के अनुसार निर्देश जारी करने का कोई आधार नहीं है, क्योंकि यह न्यायिक कानून के समान होगा।