रोहतक। हर साल लाखों लोगों की जान लेने वाला रोग मलेरिया के मच्छरों पर अब दवाइयां बेअसर होने लगी हैं। ऐसे में आने वाले समय में यह रोग और भी खतरनाक रूप ले सकता है। शोध में बताया गया है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में करीब 80 प्रतिशत मलेरिया के परजीवी दवा प्रतिरोधी क्षमताएं डेवलप कर चुके हैं और यह तेजी से फैल रहे हैं। यह परजीवी कंबोडिया से लाओस और थाइलैंड से वियतनाम में फैले। इनकी चपेट में आने वाले आधे मरीजों पर आर्टिमीसिनिन और पिपेरैक्विन दवाइयां फेल रहीं, जिन्हें मलेरिया के इलाज के लिए दिया जाता है। मनुष्यों में मलेरिया फैलाने के लिए जिम्मेदार सबसे घातक परजीवी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम का दवा प्रतिरोधक बनना इस बीमारी को रोकने के प्रयासों के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है। यह परजीवी मलेरिया के कारण होने वाली 10 में से 9 मौतों के लिए जिम्मेदार होता है।