बर्लिन। मच्छरजनित रोग मलेरिया के इलाज में कारगर दवा ईजाद कर ली गई है। इस दवा को क्लीनिकल ट्रायल में सफल पाया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि नयी दवा से मलेरिया रोग का सुरक्षित और प्रभावी उपचार हो सकता है।

तुबिनजेन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रोपिकल मेडिसिन और जर्मन कंपनी डचेन मलेरिया जीएमबीएच के अनुसंधानकर्ताओं ने फॉस्मिडोमाइसिन और पिपराक्वीन ड्रग्स के यौगिक का प्रभाव और सुरक्षा का परीक्षण किया। शोध में एक से तीस साल की उम्र के रोगियों को प्लाजमोडियम फाल्सिपैरम पैथोजन के जरिए मलेरिया का संक्रमण कराया गया और उन्हें तीन दिन तक दोगुनी दवा दी गई।

क्लीनिकल इन्फेक्शियस डिसीजेस’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार इनमें से 83 प्रतिशत मामलों में सौ प्रतिशत उपचार हुआ। दवा विकसित करने वाले तुबिनजेन के प्रोफेसर पीटर क्रेम्सनेर का कहना है कि यह शोध फॉस्मिडोमाइसिन में क्लीनिकल अनुसंधान की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ है।