बोकारो (झारखंड)। सरकार ने टीबी, मलेरिया, डेंगू सहित सभी संचारी रोगों के मरीजों की सुरक्षा के लिए इसे अधिसूचित बीमारी में शामिल किया है। संचारी रोगों से पीडि़त मरीजों की जानकारी अब परिजनों को स्वास्थ्य विभाग को अनिवार्य रूप से देनी होगी। विशेषकर मलेरिया से संबंधित सूचना हर हाल में देनी होगी ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। यदि परिवार में किसी को मलेरिया हुआ है और उसकी सूचना विभाग को नहीं दी गई, तो मरीज के परिजन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जबकि डेंगू, कालाजार और टीबी के मरीजों की जानकारी नहीं मिलने पर इलाज करने वाले डॉक्टर के साथ-साथ दवा देने वाले वितरक भी दोषी माने जाएंगे।

टीबी के मरीजों के लिए तो वेब पोर्टल भी तैयार किया जा चुका है। मरीज वेबसाइट ठ्ठद्बद्मह्यद्धड्ड4.द्दश1.द्बठ्ठ पर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।  इस प्रक्रिया के तहत स्वास्थ्य कर्मियों को जिम्मेवारी सौंपी गई है। इसके तहत संक्रमण फैलाने वाली बीमारियों के मरीजों की जांच करने से लेकर दवा खिलाने तक का काम उन्हें ही करना है। अगर कोई मरीज दवा छोड़ देता है और उसके परिजन इसकी सूचना देते हैं तो उसके तहत मरीज और उसके परिजन पर ही कार्रवाई होगी। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. बीपी गुप्ता ने बताया कि बोकारो जिले में 100 डाट्स प्लस प्रोग्राम शुरू किया जा चुका है। इसमें मरीज को दी जाने वाली दवा के रैपर का नंबर से उसके मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड कर दिया गया है। जिस रोज मरीज दवा को छोडऩे की प्रयास करते हैं उस दिन उसके मोबाइल का अलर्ट बजने लगता है।