नई दिल्ली : सफदरजंग अस्पताल द्वारा एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार करने के बाद उसने अस्पताल के आपातकालीन विभाग के बाहर बच्चे को जन्म दिया।
मामला सामने आने के बाद केंद्र संचालित अस्पताल ने जांच पूरी होने तक तीन डॉक्टरों की ड्यूटी पर रोक लगा दी और पांच अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अधिकारियों के अनुसार, बच्चे को जन्म देने वाली महिला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मामले में सफदरजंग अस्पताल से रिपोर्ट मांगी गई है।
सूत्रों ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल ने घटना की जांच शुरू कर दी है। देश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शामिल सफदरजंग अस्पताल आरोप से इनकार करते हुए कहा कि उसकी पॉलिसी है कि किसी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं किया जाता और महिला को अस्पताल में भर्ती के कागजात दिए गए थे लेकिन वह उन्हें लेकर लौटी नहीं।
वीडियो में कुछ महिलाएं प्रसव के दौरान गर्भवती महिला को साड़ी की आड़ में लेकर उसके चारों ओर खड़ी दिख रही हैं। मौके पर कुछ नर्स भी नजर आ रही हैं। महिला के परिजनों का आरोप है कि सोमवार को अस्पताल ने उसे भर्ती नहीं किया और उसने आपातकालीन विभाग के बाहर रात बिताई।
अस्पताल ने कहा, मरीज वर्तमान में एलआर-दो में भर्ती है और जन्म के समय 1.4 किलोग्राम वजन होने के कारण शिशु को नर्सरी-9 में भर्ती कराया गया है। जच्चा-बच्चा दोनों की हालत स्थिर है। गायनी रिसीविंग रूम में चौबीसों घंटे दो सीनियर रेजिडेंट समेत छह डॉक्टर रहते हैं।
नोटिस में कहा गया, प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से लिया गया है। आपको यह कारण बताओ नोटिस प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाता है कि आपके खिलाफ आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।’’