Fake Ayurvedic Medicine: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्पेशल सेल के द्वारा मिलावटी आयुर्वेदिक दवाइयां (Fake Ayurvedic Medicine) बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गैंग के 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के द्वारा की गई जांच में सामने आया कि आरोपियों ने तीन फर्जी कॉल सेंटर चलाए हुए थे। इनके जरिए आरोपियों ने 6,373 लोगों को मिलावटी प्रोडेक्ट बेचकर 1.94 करोड़ रुपए की ठगी की।

लखनऊ और दिल्ली में नकली दवाइयों का गिरोह (Fake Ayurvedic Medicine)

आरोपी लखनऊ और दिल्ली में नकली दवाइयों का गिरोह चलाते थे। डीसीपी (साइबर सेल) प्रशांत पी गौतम ने बताया कि इस गिरोह का खुलासा तब हुआ जब उनायुर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (यूएमपीएल) के एक मैनेजर ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करायी थी। शिकायत में यूएमपीएल के मैनेजर ने कहा कि कुछ लोग यूएमपीएल का कर्मचारी बनकर उनके कस्टमर्स को नकली, गलत ब्रांड वाली और मिलावटी दवाएं बेच रहे हैं। आरोपियों ने अलग-अलग नंबरों से लोगों को कॉल कर उन्हें रियायती दरों पर दवाइयां देने का लालच दिया।

दवाओं के सेवन से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां 

डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि इन जालसाजों के पास से पहले रोगियों और संभावित ग्राहकों का डेटा था। वो उन्हें रियायती दरों पर दवाइयां बेचकर लुभाते थे। दवाइयां असली नहीं होने के कारण इनका सेवन करने से लोगों में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ने लगी।

आरोपी दिल्ली और लखनऊ से अपना गिरोह चला रहे थे। फोन नंबरों की लोकेशन भी सही पई गई, लेकिन आरोपियों के पते उपलब्ध नहीं थे। कई टीमों को लोकेशन पर भेजा गया था और छापे मारे गए थे। इसके बाद तीन कॉल सेंटर्स से पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लखनऊ और दिल्ली दोनों शहरों से मिलाकर 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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10 आरोपियों से एक राहुल सिंह नाम के मास्टरमाइंड है। राहुल ने टेलीकॉम कंपनी में काम करने वाले राजेश नाम के एक सहयोगी से ग्राहकों की जानकारी हासिल की थी। आरोपियों के पास से पुलिस ने से 42 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, घटिया गुणवत्ता वाली आयुर्वेदिक दवाएं और उनयुर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (यूएमपीएल) और कुडोस आयुर्वेद का डेटा बरामद किया है।