UP: यूपी (UP) के बहराइच जिले में एक झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में बच्ची को अपना पैर गंवाना पड़ा। पीड़ित बच्ची की उम्र 10 साल बताई जा रही है। डॉक्टर के गलत इलाज के कारण बच्ची का दाहिना पैर काटना पड़ा और अब बच्ची हमेशा के लिए अपाहिज बन गई है। प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। आरोपी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कठोर कार्रवाही के निर्देश दिए हैं।
आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज (UP)
आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बहराइच स्थित मोतीपुर के दौलतपुर गांव के रहने वाले अरविंद गुप्ता की बेटी रिंकी सड़क हादसे में घायल हो गई। उसके पैर में गंभीर चोट आयी थी। बच्ची को इलाज के लिए खैरीघाट के रामपुर चौराहे पर संचालित क्लीनिक में ले जाया गया। इस क्लीनिक के डॉक्टर ने कहा कि बच्ची के पैर पर प्लास्टर चढ़ाना पड़ेगा पैर में फैक्चर है। डॉक्टर की बात सुन परिजनों ने बच्ची के पैर पर प्लास्टर चढ़वा दिया।
धीरे-धीरे पैर सड़ने लगा
प्लास्टर चढ़ाने के साथ-साथ बच्ची को खाने के लिए कुछ दवाइयां भी दी। जिस पैर में डॉक्टर ने प्लास्टर चढ़ाया था उसमें धीरे-धीरे सड़न होने लगी। तकलीफ ज्यादा बढ़ने पर अभिभावक बच्ची को केजीएमयू के ऑर्थोपेडिक्स विभाग आए। यहां डॉक्टरों ने जांच की तो सामने आया कि बच्ची का पैर सड़ गया है उसे काटना पड़ेगा। यदि पैर नहीं काटा तो पूरे शरीर में संक्रमण फैल जायेगा। बच्ची के पिता अरविंद गुप्ता ने डॉक्टर को बेटी के पैर का ऑपरेशन के लिए इजाजत दे दी।
बच्ची के पिता डॉक्टर की शिकायत डिप्टी सीएम, जिलाधिकारी और सीएमओ से की
बच्ची के पिता अरविंद गुप्ता ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत डिप्टी सीएम, जिलाधिकारी और सीएमओ से की। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मामले को गंभीरता से लिया। डिप्टी सीएम ने कहा कि जिलाधिकारी और सीएमओ तत्काल मामले की जांच करें। दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसमें किसी भी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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