उज्जैन। मिलावटखोर कोरोना संकट के दौर में भी मिलावट से बाज नहीं आए और सेनेटाइजर तक में मिलावट कर डाली। इंदौर की एक फार्मा कंपनी ने मिलावटवाला सेनेटाइजर सरकारी अस्पतालों में सप्लाई किया इसमें 98 फीसदी पानी मिला था। इनमें उज्जैन ज़िला भी शामिल था। ये वही उज्जैन है जहां कोरोना संक्रमण का भयावह दौर था। गौरतलब है कि सेनेटाइजर में सोडियम हाइपो क्लोराइट 4 से 6% होना चाहिए औऱ बाकी पानी.उसके पैक पर क्लेम भी इतना ही किया गया था। लेकिन जांच में सिर्फ 2% ही सोडियम हाइपो क्लोराइट था, बाकी 98 प्रतिशत पानी मिला हुआ था, जो कोरोना वायरस नष्ट करने के लिए प्रभावी नहीं माना जाता है.
प्रदेश के विदिशा, कटनी, उज्जैन, जबलपुर, धार, शाजापुर, गुना, मंडला व मंदसौर में सनऐजे फार्मा कंपनी का सोडियम हाइपो क्लोराइट सप्लाई किया गया था। कोरोना काल में लॉक डाउन के दौरान जब भले लोग मानवता की सेवा कर रहे थे ठीक उसी दौर में इंदौर की एक फार्मा कंपनी ने मिलावटी सेनेटाइजर सप्लाई कर लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ किया। वो भी उस उज्जैन शहर में जहां कोरोना का संक्रमण बहुत ज़्यादा था। दरअसल उज्जैन जिला अस्पताल सहित बाकी सरकारी अस्पतालों में इसी सोडियम हाइपो क्लोराइट का उपयोग किया गया था। इसके बावजूद वायरस पर असर नहीं हुआ और स्टाफ के कई लोग भी कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए।
यही वजह है कि जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. जीएस धव, सिविल सर्जन डॉ. आरपी परमार, स्टाफ नर्स और कम्पाउंडर संक्रमित हो गए। इनमें जिला अस्पताल के कंपाउंडर वाहिद कुरैशी की मौत हो गयी थी। सेनेटाइजर के सैंपल जांच के लिए भोपाल की लेबोरेट्री में भेजे गए थे। रिपोर्ट आने के बाद अब फार्मा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल ड्रग विभाग ने फार्मा कंपनी और सीएमएचओ स्टोर्स को नोटिस जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जुलाई-2020 में इंदौर के सांवेर रोड स्थित सनऐजे फार्मा से सोडियम हाइपो क्लोराइड खरीदा था। इसके एक जार की कीमत 16,800 रुपये थी.लाखों रुपये का माल खरीदा गया था। कंपनी ने ये माल विदिशा, भोपाल, उज्जैन और जबलपुर के ज़िला अस्पतालों में किया था। इस फर्म की 11 बैच के सभी सैंपल राज्य प्रयोगशाला की जांच में फेल पाए गए हैं।