ग्वालियर। जिन मरीजों की मौत हो चुकी है, उनके नाम पर भी टीबी की दवाइयां अस्पताल से इश्यु हो रही थी। यह खुलासा स्टेट टीबी आरएनटीसीपी की भोपाल से आई टीम ने जांच के बाद किया । टीम ने जब मुरैना जिला टीबी अस्पताल के रिकॉर्ड देखे और फील्ड में जाकर मरीजों की स्थिति की जानकारी ली तो पता चला कि करीब आधा दर्जन मरीज ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है लेकिन अस्पताल के रिकॉर्ड में उनकी दवा अब भी चल रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुरैना के जिला टीबी अधिकारी को नोटिस जारी किया है। गत दिवस स्टेट टीबी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनीष, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ. संदीप मिश्रा ग्वालियर आए। यहां उन्होंने एमडीआर टीबी अस्पताल देखने के बाद जिला टीबी अधिकारी ग्वालियर डॉ. मनोज कौरव, भिंड जिला टीबी अधिकारी डॉ. आर्य के साथ मुरैना का निरीक्षण किया। वहां एमडीआर टीबी मरीज का रिकॉर्ड में नाम ही नहीं था, जबकि उनकी दवा चल रही थी। दवा का रिकॉर्ड भी ठीक नहीं था। इस मामले में पीएमडीटी के को-ऑर्डिनेटर को नोटिस जारी किया गया है।