नयी दिल्ली : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने परास्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम कराने वाले मेडिकल कॉलेजों से अपने छात्रों की मानसिक सेहत का ध्यान रखने और इसके लिए उन्हें पर्याप्त आराम, साप्ताहिक अवकाश, परामर्श, स्वीकृत अवकाश तथा एक अनुकूल कार्य माहौल मुहैया कराने को कहा।

आयोग ने इन कॉलेजों से कहा है कि वे इन विषयों पर रिपोर्ट जमा करने के साथ ही आत्महत्या, लैंगिक पूर्वाग्रह और महिलाओं के साथ अभद्रता के मामलों से निपटने के लिए अपनाये जाने वाले तरीकों के संबंध में जानकारी दें।

पीजी पाठ्यक्रम करा रहे मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के निदेशकों, प्राचार्यों तथा अधिष्ठाताओं को संबोधित पत्र में एनएमसी के परास्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ विजय ओझा ने कहा कि उसे पीजी छात्रों (रेजीडेंट डॉक्टरों) से शिकायतें मिली हैं कि वे देर तक काम करने, साप्ताहिक अवकाश नहीं मिलने और आपात स्थिति में छुट्टियां नहीं मिलने से तनाव में रहते हैं।

पत्र में कहा गया है कि इस मुद्दे को प्रिंट मीडिया ने प्रकाशित किया है और इसे संसद में भी उठाया गया है।