इटावा। सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में नकली पेसमेकर सप्लाई करने के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी इंद्रजीत कानपुर का निवासी है। जांच में पता चला कि इंद्रजीत ने फर्जी स्टिकर लगाकर सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टर से सांठगांठ की थी और नकली पेसमेकर की सप्लाई की थी। ये पेसमेकर दिल के मरीजों को प्लांट किए थे। बता दें कि इस घोटाले के चलते कई मरीजों की मौत भी हो गई।
इस मामले में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. आदेश कुमार और हृदय रोग विभाग के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीर सर्राफ के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगे थे। उन पर खरीद, पेसमेकर धोखाधड़ी, अनावश्यक विदेश यात्राएं और व्यापक भ्रष्टाचार के आरोप थे। इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और डॉ. समीर सर्राफ को गिरफ्तार कर लिया गया था।
यह है मामला
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने बताया कि 2022 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच के बाद डॉ. समीर सर्राफ और इंद्रजीत की गिरफ्तारी की गई है। इंद्रजीत की भूमिका पेसमेकर की सप्लाई में थी। उसने जानबूझकर नॉन एमआरआई पेसमेकर को एमआरआई पेसमेकर बताकर मरीजों को लगाया। इससे कई मरीजों की जान को खतरा हुआ। जांच में यह भी पता चला है कि इंद्रजीत ने कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और फर्जी स्टिकर लगाकर पेसमेकर बेचने का काम किया।
52 मरीजों को लगाए गए नकली पेसमेकर
बताया गया है कि अब तक 52 मरीजों को ये नकली पेसमेकर लगाए जा चुके हैं। इनमें कई लोगों की मौत हो चुकी है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन मौतों का कारण पेसमेकर की गुणवत्ता में कमी थी या कुछ और। वहीं, बायोट्रॉनिक नामक जर्मन कंपनी की सप्लाई से संबंधित जानकारी भी मिली है, जिसमें अन्य कंपनियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
अधिकारी ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।