महराजगंज। निचलौल थाना क्षेत्र अंतर्गत अस्पताल गेट स्थित एक निजी मेडिकल स्टोर पर सांस फूलने की सरकारी दवा (ईटोफाइलिन) के मिलते ही जहां स्वास्थ्य कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया, वहीं दुकानदार और ग्राहक में बहसबाजी भी हुई। निजी मेडिकल स्टोर पर दवा लेने गए एक मरीज को जब वहां सरकारी दवा (ईटोफाइलिन) इंजेक्शन मिला तो उसने इसकी फोटो खींचकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी। खबर आम होते ही इससे जुड़े लोगों की सांस अपना गला फंसता देख फूलने लगी। देर रात तक अस्पताल की दवाओं का स्टाक मिलान कराया जाता रहा। हालांकि सरकारी दवा के निजी मेडिकल स्टोर पर मिलने से अस्पताल कर्मियों के इस खेल में लिप्त होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. क्षमाशंकर पांडेय ने कहा कि मामले की जांचकर कार्रवाई की जाएगी। प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. बीके शुक्ला ने बताया कि वर्ष 2018-19 में कुल विभाग द्वारा 2700 इंजेक्शन प्राप्त हुए थे। इनमें से अभी 1950 इंजेक्शन बचे हैं। सवाल यह उठता है कि जब 1950 इंजेक्शन बचे हुए हंै तो फिर डाक्टरों द्वारा उनका प्रयोग न कर मरीजों को बाहर दुकानों से (ईटोफाइलिन) इंजेक्शन लाने के लिए मजबूर क्यों किया जाता है? मेडिकल स्टोर पर दवा बरामदगी के बाद आंकड़ों में आई गड़बड़ी जांच में ही खुलकर सामने आएगी।