बरेली। मेधांश अस्पताल की एमडी समेत तीन डॉक्टर्स पर एफआईआर दर्ज करने का मामला प्रकाश में आया है। यह एफआईआर अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत मामले में लापरवाही बरतने में दर्ज की गई है। अस्पताल की एमडी डॉ. डॉ. मृंदा जौहरी, डॉ. हिमांशु वर्मा और डॉ. किमि बंसल पर एफआईआर हुई है। फिलहाल सुभाषनगर पुलिस मामले की में जुटी हुई है।

यह है मामला

कैंट थाना क्षेत्र के चनेहटी गांव का निवासी अंकुर कुमार मजदूरी करता है। उसने अपनी पत्नी प्रियंका को डिलीवरी के लिए मेधांश अस्पताल में भर्ती कराया था। बदायंू रोड स्थित इस अस्पताल में डॉक्टरों ने प्रियंका का छह अक्टूबर को ऑपरेशन किया। इस दौरान महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया था। इसके बाद से प्रियंका की हालत बिगड़ गई। प्रियंका की दस अक्टूबर को मौत भी हो गई। जच्चा-बच्चा की मौत के लिए परिजनों ने डॉक्टरों को ही लापरवाही बरतने का दोषी बताया था।

उत्पीडऩ का लगाया आरोप

पत्नी की मौत के बाद पति अंकुर ने आरोप लगाया कि तीनों डॉक्टरों ने उसका और उसके परिवार का उत्पीडऩ किया। उन्होंने डॉक्टरों से उपचार की जानकारी मांगी थी। डॉक्टरों ने उपचार की जानकारी भी नहीं दी। इसके बाद अंकुर ने डीएम रविन्द्र कुमार और सीएमओ विश्राम सिंह को इस मामले की शिकायत की थी।

जांच में डाक्टरों की लापरवाही आई सामने

जच्चा और बच्चा की मौत के मामले में डीएम ने शिकायत की जांच के निर्देश दिए। इस पर तीन सदस्यीय कमेटी बनाकर उसे जांच सौंपी गई। टीम ने जांच में लापरवाही की बात को सच पाया। इसके बाद सुभाषनगर थाने में मेधांश हॉस्पिटल की एमडी मृंदा जौहरी, डॉ। हिमांशु वर्मा और डॉ. किमि समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर की गई। सुभाषनगर थाना इंस्पेक्टर मदन मोहन चतुर्वेदी ने बताया कि हॉस्पिटल के खिलाफ मिली शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। बता दें कि यह अस्पताल अक्सर विवादों में रहा है।

हम दोषी नहीं : एमडी

उधर, एमडी मेधांश हॉस्पिटल की एमडी डॉ. मृंदा जौहरी ने अपना स्पष्टीकरण दिया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। फिलहाल एनएमसी की रिपोर्ट भी आनी शेष है। हम दोषी नहीं हैं। रिपोर्ट की पूर्ण जांच के बाद यह स्प्ष्ट हो जाएगा कि हम दोषी नहीं हैं।